कटाई पूरी होने के बावजूद क्रय केंद्रों पर नहीं पहुंच रहा गेंहू
सरकारी समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचना किसानों के लिए मुसीबत बन गया है। गेंहू बेचनें के बाद अब यह किसान भुगतान पाने के लिए भटक रहे हैं। समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने में मुश्किलों से परेशान किसानों ने अब...
सरकारी समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचना किसानों के लिए मुसीबत बन गया है। गेंहू बेचनें के बाद अब यह किसान भुगतान पाने के लिए भटक रहे हैं। समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने में मुश्किलों से परेशान किसानों ने अब क्रय केंद्रों से दूरी बनानी शुरू कर दी है।
सरकारी समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के लिए जिले में इस बार 116 क्रय केन्द्र बनाए गए हैं। इनमें खाद्य विभाग पीसीएफ और यूपीएसएस के 25- 25 क्रय केंद्र हैं। खरीद शुरू हुए लंबा समय बीतने के बाबजूद इस साल अब तक प्रक्रिया रफ्तार नहीं पकड़ पाई है। भुगतान में देरी इसका एक प्रमुख कारण है। समय पर गेंहू का भुगतान न मिलने से किसान इस बार सरकारी समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। जिले में इस बार लाखों किसानों ने गेहूं बोया था। मगर नाम मात्र के किसान ही सरकारी केंद्रों पर गेहूं बेचने पहुंचे है। आलम यह है कि अब तक सिर्फ 4959 किसानों ने ही अपना गेंहू बेंचा है। इनमें से भी ज्यादातर को अब तक भुगतान नहीं हुआ है। विभागीय आंकड़ों की माने तो इन किसानों को अब तक सिर्फ 3130 लाख रुपए का ही भुगतान किया गया है। यह भुगतान भी ज्यादातर खाद्य विभाग के क्रय केंद्रों पर ही मिला है। किसानों का 6159 लाख रुपए का भुगतान अब भी एजेंसियों पर बकाया है। समय पर भुगतान न होने का सबसे बड़ा का पीएफएमएस सिस्टम में खामी है। सॉफ्टवेयर अपडेट न होने से खाते में पैसे होने के बाद भी किसानों को भुगतान नहीं हो पा रहा है। समय पर भुगतान न मिलने और पंजीकरण में दिक्कत से किसान बाहर गेंहू बेचना ज्यादा मुफीद समझ रहे हैं।
पीएफएमएस सॉफ्टवेयर में शुरुआत में कुछ दिक्कतें आई हालांकि अब ज्यादातर को दुरुस्त करा लिया गया है। पिछले तीन दिनों में भुगतान प्रक्रिया में तेजी आई है।
सुनील भारती
जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी