उम्मीदों पर फिरा पानी, रामगंगा बैराज के लिए मांगे थे 1578 करोड़, हाथ आए 15 करोड़
बरेली-बदायूं की रामगंगा बैराज परियोजना के पूरा होने की उम्मीद को बजट से झटका लगा है। सिंचाई अफसरों ने परियोजना को पूरा करने के लिए 1578 करोड़ के बजट मांगा था। करीब एक साल से बजट मिलने की उम्मीद लगाए...
बरेली-बदायूं की रामगंगा बैराज परियोजना के पूरा होने की उम्मीद को बजट से झटका लगा है। सिंचाई अफसरों ने परियोजना को पूरा करने के लिए 1578 करोड़ के बजट मांगा था। करीब एक साल से बजट मिलने की उम्मीद लगाए बैठे थे। मंगलवार को प्रदेश सरकार के खजाने से सिर्फ रामगंगा बैराज परियोजना को 15 करोड़ दिए गए। इतना कम बजट मिलने से बरेली और बदायूं की फसलों की बैराज से सिंचाई होने की उम्मीद फिलहाल खत्म हो गई है। अब कम से कम एक साल और इंतजार करना पड़ेगा। 15 करोड़ मिलने से सिंचाई अधिकारी भी सकते में हैं।
रामगंगा बैराज परियोजना परियोजना से से बरेली और बदायूं की करीब 40 हजार हेक्टेयर जमीन की सिंचाई की जानी है। बैराज से बरेली और बदायूं से 470 किमी लंबी नहरें बनाई जानी हैं। नहरों के लिए 1029 हेक्टेयर जमीन की खरीद होनी है। नहर विभाग किसी तरह 310 हेक्टेयर जमीन की खरीददारी कर सका है। पिछली सपा सरकार में मिला परियोजना को 630 करोड़ का बजट बैराज के निर्माण पर खर्च हो चुका है। नहरों बनाने का काम अधूरा पड़ा है। बजट में लेटलतीफी से 630 करोड़ की परियोजना की लागत बढ़कर 2208 करोड़ पर पहुंच गई।
करीब साढे तीन साल से परियोजना को बजट नहीं मिला। पिछले साल तत्कालीन सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह के कहने पर बाढ़ खंड के अधिकारियों ने 2208 करोड़ का रिवाइज बजट भेजा था। एक साल से सरकार रिवाइज बजट के प्रस्ताव को रखे बैठी थी। सरकार को 1578 करोड़ की रकम परियोजना के लिए रिलीज करनी थी। इस साल के बजट से सबको उम्मीद भी थी। ऐसा हो नहीं सका। किसानों की उम्मीदों को बजट ने झटका दे दिया।
परियोजना के लिए सरकार ने सिर्फ 15 करोड़ का बजट देकर किसानों की मुश्किल बढ़ा दी है। बर्बाद हो जाएगी 630 करोड़ बैराज: रामगंगा बैराज को पर्यटन स्थल के तौर पर भी विकसित करने की योजना थी। परियोजना पर 630 करोड़ की रकम खर्च हो चुकी है। नहरों की जमीन खरीद के लिए जरूरी रकम न मिलने से परियोजना के बर्बाद होने की आशंका बढ़ गई है। परियोजना पर काम न होने से बैराज और मशीनरी खराब होने लगी है।