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अब मुफ्त की बिजली नहीं जला सकेंगे यूनिवर्सिटी के कर्मचारी-अधिकारी

अब मुफ्त की बिजली नहीं जला सकेंगे यूनिवर्सिटी के कर्मचारी-अधिकारीराज्य विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों को अपने नाम से बिजली का कनेक्शन लेना होगा।...

अब मुफ्त की बिजली नहीं जला सकेंगे यूनिवर्सिटी के कर्मचारी-अधिकारी
हिन्दुस्तान टीम,बरेलीWed, 18 May 2022 02:10 AM
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रुहेलखंड यूनिवर्सिटी कैंपस के शासकीय आवासों में रह रहे शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारी अब मुफ्त की बिजली नहीं इस्तेमाल नहीं कर पाएंगें। कर्मचारियों को अब अपने नाम से बिजली का कनेक्शन लेना होगा। इसके बाद उन्हें सामान्य लोगों की तरह बिल जमा करना होगा। अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन ही एक मुश्त बिल जमा करता है।

रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कैंपस में रह रहे शिक्षक, कर्मचारी और अधिकारी अभी तक मुफ्त बिजली का आनंद ले रहे थे। पूरे कैंपस का भारी-भरकम बिल विश्वविद्यालय प्रशासन ही जमा करता था। अब शासन के आदेश के बाद सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों को अपने नाम से बिजली का कनेक्शन लेना होगा। रुहेलखंड विश्वविद्यालय में भी यह आदेश लागू हो गया है। एक मई से बिजली कनेक्शन नहीं लगने तक के लिए भी कुलसचिव ने मासिक कटौती करने का फैसला किया है। टाइप 1 के आवास के लिए एक हजार रुपये, टाइप 2 के लिए दो हजार रुपये, टाइप 3 के लिए चार हजार रुपये और टाइप चार के लिए 4000 रुपये तय किए गए हैं। वित्त अधिकारी और कुलसचिव आवास के लिए भी चार हजार रुपये बिल तय किया गया है। जबकि कुलपति आवास के लिए 5000 रुपये प्रति माह तय हुए हैं। मीटर नहीं लगने तक यह पैसा हर महीने वेतन से कटता रहेगा। मासिक कटौती का समायोजन बिजली कनेक्शन और मीटर लगने के बाद बिल के औसत के आधार पर समायोजित किया जाएगा।

रूकेगा बिजली का दुरूपयोग

रुहेलखंड यूनिवर्सिटी कैंपस में टाइप 1 के 56, टाइप टू के 64, टाइप थ्री के 20 और टाइप 4 के 18 आवास हैं। कुलसचिव आवास, वित्त अधिकारी आवास अलग हैं। वहीं कुलपति का आवास भी बना हुआ है। बताया जाता है कि फ्री की बिजली के कारण बहुत से कर्मचारी बिजली का दुरुपयोग कर रहे थे। कई घर ऐसे हैं जिनमें हीटर या इंडक्शन लगे हुए हैं। मीटर लगने के बाद बिजली खपत कम करने में मदद मिलेगी।

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