हेमराजपुर के जंगल में रात में घूम रही है बाघिन, वन विभाग ने पिंजरा में पड्डा बांधा
किसानों पर हमला करने के बाद बाघिन हेमराजपुर के जंगल में रामगंगा के खादर में रात में शिकार की तलाश में घूम रही है। बाघिन के मूवमेंट पर नजर रख रखे वन...
किसानों पर हमला करने के बाद बाघिन हेमराजपुर के जंगल में रामगंगा के खादर में रात में शिकार की तलाश में घूम रही है। बाघिन के मूवमेंट पर नजर रख रखे वन विभाग ने बाघिन को पकड़ने को पिंजरा में पड्डा बांध दिया है। बाघिन ने गत रात्रि जंगल में सुअर का शिकार किया था। सुअर के अवशेष जंगल में पड़े ग्रामीणों ने देखे हैं।
हेमराजपुर में सिंचाई कर रहे किसानों पर हमला करने बाघिन रात के अंधेरे में शिकार की तलाश में अपने ठिकाने से निकलती है। बाघिन रामगंगा के खादर में घूम रही है। बुधवार को हमला करने वाले खेत के दक्षिण में सेमल के पेड़ के नीचे ग्रामीणों ने जंगली सुअर के अवशेष पड़े देखे। गांव के देशपाल सिंह ले बताया बाघिन ने मंगलवार की रात में सुअर का शिकार कर सेमल के पेड़ के पास बैठकर खाया है।
बाघिन के पदचिंह गांव के मोहन के खेत में बुधवार को मिले। मोहन ने मंगलवार को खेत की सिंचाई की थी। ग्रामीणों का अनुमान है रात में बाघिन खेत में पानी पीने आई होगी। बाघिन की गतिविधियों की वन विभाग की टीमें निगरानी रख रही हैं। बाघिन के मूवमेंट को देखकर अधिकारियों के निर्देश पर रेंजर संतोष कुमार ने हेमराजपुर के जंगल में दो दिन से रखे पिंजरा में पड्डा बांध दिया है। बाघिन पड्डा का शिकार करने को आयेगी तो पिंजरा में फंस जायेगी।
पिंजरा में नहीं फंसी तो बड़ेंगी मुश्किलें
बाघिन पिंजरा में पड्डा का शिकार करने नहीं घुसी तो वन विभाग की मुश्किलें बढ़ जायेंगीं। खादर के मीलों फैले जंगल में बाघिन को ट्रेंकुलाइज करना टेढ़ी खीर साबित होगा। बाघिन बहुत चालाक हैं। इसी कारण बाघिन वन विभाग द्वारा रबर फैक्ट्री में बिछाए जाल से बच निकली। वन विभाग ने रबर फैक्ट्री में भी पिंजरे में पड्डा बांधा था। बाघिन पिंजरा के पास तो गई लेकिन उसने पड्डा का शिकार करने की कोशिश नहीं की।
तेंदुआ पकड़ने को भी लगा था पिंजरा
दो वर्ष पहले रामगंगा के खादर के गांव ठिरिया बुर्जुग में तेंदुए ने दर्जनों वन्य जीवों का शिकार किया था। गांव के नजदीक तेंदुआ सुअर को जबड़ों में दबाकर पेड़ पर चढ़ गया था। गांव के नजदीक घूम रहे तेंदुए को पकड़ने को वन विभाग ने पीलीभीत से पिंजरा मंगा कर ठिरिया के जंगल में लगाया। पिंजरा लगने पर तेंदुए ने अपना ठिकाना बदल लिया था। पिंजरा कई गांवों में लगाया, हर बार तेंदुए ने ठिकाना बदल लिया। वन विभाग तेंदुए को पकड़ नहीं सका।