दहशत का पर्याय था आतंकी बिंदा, पुलिस ने जुटाई जानकारी
Bareily News - बिलसंडा में 90 के दशक में आतंकवाद ने लोगों की जिंदगी को दयनीय बना दिया था। आतंकवादी घरों में घुसकर लोगों को धमकाते थे और पुलिस उनकी मदद करने में असफल रही। स्थानीय बुजुर्गों ने बताया कि कैसे उन्होंने...

बिलसंडा। नब्बे के दशक में पीलीभीत और लखीमपुर खीरी की तराई में जब आतंकवाद चरम पर था, तो देहात में रहने वाले लोग हर तरफ से जुल्म का शिकार होते थे। आतंकवादी जब जहां चाहते थे लोगों के घरों में घुसकर अपनी बातें मनवाते थे। पुलिस इसकी तह में पहुंचने में लगी है। इसके चलते ही बुधवार को आतंकी बिंदा की जानकारी जुटाई गई। बिलसंडा में टाईगर रिजर्व जंगल के भीतर बसे गांव शीतलपुर मरौरी के एक बुजुर्ग सिख बताते हैं कि आतंकी जब घरों में घुसते थे तो उनके साथी छतों से पहरा देते थे। देखते थे कि कोई पुलिस वाला तो नहीं आ रहा। अपने घरों में भी लोग मर्जी से टॉयलेट नहीं जा पाते। महिलाओं बच्चों को डराते धमकाते थे। जो चाहते वो कराते। जब आतंकी जाते और पुलिस को पता चल जाता तो पुलिस उनको आतंकियों का शरणदाता बताकर प्रताड़ित करती थी। दो तरफ से लोग प्रताड़ित होते थे। जिल्लत और घुटन भरी जिंदगी थी उनकी। आंतकियों का इतना खौफ था कि बिलसंडा में कई बड़े सेठ के यहां वसूली के लिए सीधी पर्ची जाती थी। एक बार एक बड़े सेठ ने कुछ आनाकानी की तो शाम ढलते ही आंतकियों की टोली पहुंच। उठाकर ले गई और कई दिन बाद रिहा किया। अपहरण फिरौती और वसूली आम थी। बलविन्दर सिंह बिंदा का नाम जिले में उसवक्त दहशत का पर्याय था, जो मरौरी गांव का रहने वाला था। जिसने आंतकियों की मदद से अपने ही गांव के कश्मीर सिंह, उनके बेटे दामाद समेत करीब पांच लोगों की एक के बाद एक हत्या कर दी। पंजाब में उसकी भी संदिग्ध तरीके से मौत हो गई। मरौरी गांव के पूर्व प्रधान संजीव अवस्थी बताते हैं कि उनके पिता को भी ट्यूबवेल के पास फिरौती का खत मिला था। उस दौर में एक लाख फिरौती मांगी। काफी कुछ बेचा रिश्तेदारों से मांगा तो भी इतनी रकम न हो पाई। जब थाने मदद मांगने गए तो उस वक्त थानेदार ने बोल दिया चुपचाप दे दो जो मांगा गया है। आतंकवाद के दौर में जिले में उसवक्त बृज लाल पुलिस अधीक्षक रहे, बाद में वह डीजीपी पद से रिटायर हुए। उन्होंने जो किताब लिखी उसमें आतंकवाद का खूब जिक्र है।
बिंदा की हिस्ट्री के बाद पुलिस अलर्ट, इंस्पेक्टर मरौरी पहुंचे
बिंदा की अपराधिक हिस्ट्री और जिले में खालिस्तान आतंकियों के दस्तक के बाद एसपी के निर्देश पर इंस्पेक्टर बिलसंडा प्रदीप विश्नोई ने मरौरी पहुंचकर बिंदा के बारे में जानकारी जुटाई। बीट कांस्टेबल दरोगा ग्रामीणों से फोन कर जानकारी हासिल कर रहें हैं। चूंकि मरौरी में अब बिंदा के परिवार का कोई सदस्य नहीं है। एक भाई था, उसका भी ठीक पता नहीं। पुलिस ने ग्रामीणों से पूरी तस्दीक के बाद रिपोर्ट अफसरों को भेजी है।
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