श्रीकृष्ण ही आनंद हैं, उनकी भक्ति ही परमसुख : पं. अतुलेश्वर
श्रीकृष्ण ही आनंद हैं, उसकी भक्ति ही परमसुखश्री कृष्ण ही आनंद है, उनकी भक्ति में ही परमसुख मिलता है। संसार में हर चीज का उल्टा हो सकता है। जैसे दिन का उल्टा रात काले का उल्टा गोरा लेकिन आनंद का उल्टा...
श्री कृष्ण ही आनंद है, उनकी भक्ति में ही परमसुख मिलता है। संसार में हर चीज का उल्टा हो सकता है। जैसे दिन का उल्टा रात, काले का उल्टा गोरा लेकिन आनंद का उल्टा कुछ नहीं हो सकता। आनंद केवल श्रीकृष्ण हैं। यही वजह है कि श्री कृष्ण ने जन्म लिया तो सब लोग गाते हैं नंद घर आनंद भयो। सुभाषनगर स्थित बाबा श्री तपेश्वरनाथ मंदिर में सोमवार को श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का आरंभ हुआ। पहले दिन कथाव्यास पं. अतुलेश्वर सनाढ्य ने श्रीमद्भागवत कथा का बखान किया।
बाबा तपेश्वरनाथ मंदिर परिसर को फूलों से सजाया गया। दर्जा राज्य मंत्री साधना मिश्रा ने पूजन किया। उसके बाद कथाव्यास ने श्रीमद्भागवत कथा का महात्म बताया। उन्होंने कहा कि संसार में माया-मोह से बचना चाहिए और मन को श्रीकृष्ण की भक्ति में लगाने से परम आनंद की प्राप्ति होती है। इसके बाद उन्होंने सनत कुमारों का प्रसंग भक्ति, ज्ञान वैराग्य का प्रसंग, भागवत सुनने का महत्व और आत्मदेव की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा अमृत के समान है और उसके सुनने मात्र से मन के विकार दूर हो जाते हैं। कथा के दौरान उन्होंने भजन जहां बिराजे राधा रानी अलबेली सरकार हो नैया ले चल परली पार सुनाया तो भक्त विभोर हो गए। कथा में श्री महादेव सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय कठेरिया, महामंत्री कौशलेश मिश्रा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा. धर्मेंद्र मोहन सक्सेना, विकास पासवान, राजाराम आदि मौजूद रहे।