सावधान: कहीं आपके सरसों के तेल में भी सिंथेटिक कलर तो नहीं, ऐसे करें पहचान...
बरेली में मिलावटखोर लोगों की सेहत पर भारी पड़ रहे हैं। एफएसडीए की जांच में सरसों के तेल में सिंथेटिक कलर और अरहर की दाल जानलेवा खेसारी निकली है। रेफरल लैब ने दोनों नमूने अनसेफ करार दिया है। एफएसडीए ने...
बरेली में मिलावटखोर लोगों की सेहत पर भारी पड़ रहे हैं। एफएसडीए की जांच में सरसों के तेल में सिंथेटिक कलर और अरहर की दाल जानलेवा खेसारी निकली है। रेफरल लैब ने दोनों नमूने अनसेफ करार दिया है। एफएसडीए ने खेसारी और सिंथेटिक कलर से बने खाद्य तेल बेचने वालों के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में केस दायर करेगा।
फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र के नौगवां में लक्ष्मण प्रसाद की दुकान से अरहर की दाल नमूना लिया था। मीरगंज के लोहरा नगला के राकेश की दुकान से सरसों के तेल का नमूना लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए थे। पिछले साल दोनों नमूने सरकारी लैब की जांच में अनसेफ पाए गए। दोनों दुकानदारों ने नमूनों की रिपोर्ट को चुनौती दी। एफएसडीए ने दोनों नमूनों को रेफरल लैब कोलकाता भेजा गया। गुरूवार को रेफरल लैब की जांच रिपोर्ट आ गई। अरहर और सरसों के तेल के नमूने अनसेफ पाए गए। अरहर की दालखेसारी निकाली। जबकि सरसों के तेल में खतरनाक सिंथेटिक कलर पाए गए। रेफरल लैब की रिपोर्ट आने के बाद एफएसडीए ने सीजेएम कोर्ट में वाद दायर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी।