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बरेली की इस रामलीला को देखकर आप भी हो जाएंगे रोमांचित

मर्यादा पुरुषोत्तम राम सदियों से हमारे पुरखों के लिए आदर्श जीवन और सहिष्णु समाज की प्रेरणा रहे हैं। दुनिया भर में जनमानस के बीच रामलीला मंचन से श्रीराम के गुणों और गाथाओं के वर्णन किया जाता है। इसी...

मर्यादा पुरुषोत्तम राम सदियों से हमारे पुरखों के लिए आदर्श जीवन और सहिष्णु समाज की प्रेरणा रहे हैं। दुनिया भर में जनमानस के बीच रामलीला मंचन से श्रीराम के गुणों और गाथाओं के वर्णन किया जाता है। इसी...
1/ 4मर्यादा पुरुषोत्तम राम सदियों से हमारे पुरखों के लिए आदर्श जीवन और सहिष्णु समाज की प्रेरणा रहे हैं। दुनिया भर में जनमानस के बीच रामलीला मंचन से श्रीराम के गुणों और गाथाओं के वर्णन किया जाता है। इसी...
मर्यादा पुरुषोत्तम राम सदियों से हमारे पुरखों के लिए आदर्श जीवन और सहिष्णु समाज की प्रेरणा रहे हैं। दुनिया भर में जनमानस के बीच रामलीला मंचन से श्रीराम के गुणों और गाथाओं के वर्णन किया जाता है। इसी...
2/ 4मर्यादा पुरुषोत्तम राम सदियों से हमारे पुरखों के लिए आदर्श जीवन और सहिष्णु समाज की प्रेरणा रहे हैं। दुनिया भर में जनमानस के बीच रामलीला मंचन से श्रीराम के गुणों और गाथाओं के वर्णन किया जाता है। इसी...
मर्यादा पुरुषोत्तम राम सदियों से हमारे पुरखों के लिए आदर्श जीवन और सहिष्णु समाज की प्रेरणा रहे हैं। दुनिया भर में जनमानस के बीच रामलीला मंचन से श्रीराम के गुणों और गाथाओं के वर्णन किया जाता है। इसी...
3/ 4मर्यादा पुरुषोत्तम राम सदियों से हमारे पुरखों के लिए आदर्श जीवन और सहिष्णु समाज की प्रेरणा रहे हैं। दुनिया भर में जनमानस के बीच रामलीला मंचन से श्रीराम के गुणों और गाथाओं के वर्णन किया जाता है। इसी...
मर्यादा पुरुषोत्तम राम सदियों से हमारे पुरखों के लिए आदर्श जीवन और सहिष्णु समाज की प्रेरणा रहे हैं। दुनिया भर में जनमानस के बीच रामलीला मंचन से श्रीराम के गुणों और गाथाओं के वर्णन किया जाता है। इसी...
4/ 4मर्यादा पुरुषोत्तम राम सदियों से हमारे पुरखों के लिए आदर्श जीवन और सहिष्णु समाज की प्रेरणा रहे हैं। दुनिया भर में जनमानस के बीच रामलीला मंचन से श्रीराम के गुणों और गाथाओं के वर्णन किया जाता है। इसी...
हिन्दुस्तान टीम,बरेलीSat, 13 Oct 2018 01:53 AM
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मर्यादा पुरुषोत्तम राम सदियों से हमारे पुरखों के लिए आदर्श जीवन और सहिष्णु समाज की प्रेरणा रहे हैं। दुनिया भर में जनमानस के बीच रामलीला मंचन से श्रीराम के गुणों और गाथाओं के वर्णन किया जाता है। इसी क्रम में विंडरमेयर के कलाकारों ने रामलीला की संगीतमयी प्रस्तुति से सांस्कृतिक विरासत में योगदान देने का प्रयास किया। दर्शकों के बीच बैठे छोटे बच्चे अपने माता-पिता से रामायण के हर किरदार के बारे में जानकारी लेते नजर आये।

विंडरमेयर की रामलीला शुक्रवार को विश्वामित्र मुनि के यज्ञ में असुरों के विघ्नन से शुरू हुई। असुरों के अत्याचारों से ब्राह्मण त्राहीमाम करने लगे। विश्वामित्र अयोध्या जाकर यज्ञ की सुरक्षा के लिए दशरथ से राम-लक्ष्मण को मांगते हैं। राम-लक्ष्मण वन में आकर असुरों का विनाश करते हैं। जनपुरी में जाकर शिव धुनष तोड़ सीता स्वयंवर जीतते हैं। शिव धनुष के भंग होते ही जनपुरी खुशी से झूम उठती है। शिव धनुष के टूटने पर परशुराम मुनि क्रोधित हो जाते हैं। श्रीराम के मिठे वचनों पर उन्हें वरदान देते हैं। राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघन का विवाह होता है। श्री राम के राज तिलक पर मंथरा कैकेयी के कान भर दिये। कैकेयी ने दशरथ से वचन मांगने की कसम याद दिलाकर भरत को राजगद्दी और राम को चौहद वर्ष का वनवास देने की मांग की। पिता की आज्ञा मानाकर राम, सीता और लक्ष्मण के साथ वन में चले गये। वहां रावण ने सीता का हरण कर लंका अशोक वाटिका में कैद कर लिया। हनुमान समुद्र लांघकर माता सीता का पता लगाकर लंका को दहन करते हैंं। समुद्र पर पुल राम लंका पहुंच रावण का युद्ध होता है। कुंभकरण, मेघनाद और रावण का वध करने पर देवता पुष्पवर्षा करते हैं। सीता की अग्नि परीक्षा पर देवता भी कराह उठते हैं। राम के अयोध्या लौटने पर लोग घी के दीपक जलाने पर त्यौहार मनाया जाता है और राम का राजतिलक होता है।

मुख्य अतिथि मेयर डाॠ. उमेश गौतम ने रामलीला का शुभारंभ किया। अंबुज कुकरेती के निदेशन में कलाकारों ने उमदा अभिनय कर समां बांध दिया। इस दौरान डाॠ. ब्रजेश्वर सिंह, डाॠ. गरिमा सिंह, डज्ञॠ. पवन अग्रवाल, संजीव अग्रवाल, शिवम गुप्ता, चरन कंवलजीत सिंह, अनुपम कपूर आदि मौजूद रहे।

राम वनवास से शोक में डूबी अयोध्या

सदर बाजार में श्री रामलीला नाटक समिति की ओर से चल रही लीला में राम के वन गमन लीला का मंचन हुआ। दशरथ के प्रतिज्ञा पालन से राम, सीता और लक्ष्मण के साथ वनवास चले गये। राम के वनवास जाने पर अयोध्या नगरी शोक में डूब गयी। बनखंडी नाथ रामलीला और चौधरी तालाब राम लीला में सूर्पनखा की कथा, खर-दूषण वध, सीता हरण, कंस वध उद्धार, शबरी के पास विश्राम समेत कई प्रंसग का मंचन किया गया। कटरा चांद खां में राम के वनगामन लीला का मंचन हुआ।

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