कोरोना काल में पाबंदियों से कम हो गए सड़क हादसे
कोरोना काल में तमाम दुश्वारियों के बीच अच्छी खबर है।पिछले साल की तुलना में इस साल अब तक करीब 51 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं कम हुई हैं। यात्रा पाबंदियों और आम लोगों के बीच बढी जागरूकता से सड़क हादसों...
कोरोना काल में तमाम दुश्वारियों के बीच अच्छी खबर है।पिछले साल की तुलना में इस साल अब तक करीब 51 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं कम हुई हैं। यात्रा पाबंदियों और आम लोगों के बीच बढी जागरूकता से सड़क हादसों में कमी आई है। इतना ही नहीं मौतों का ग्राफ भी कम हुआ है।
सड़कों पर सुरक्षित सफर की सौगात देना यातायात पुलिस व परिवहन विभाग के एक चुनौती भरा रहता है। लगातार सड़क सुरक्षा अभियान के बावजूद हादसों पर अंकुश लगाने में कामयाबी नहीं मिली। मगर कोरोना काल में अभूतपूर्व परिणाम सामने आए हैं। परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल मार्च से जुलाई के बीच जिले में कुल 527 सड़क दुर्घटनाएं हुई। जिनमें 260 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। हालांकि इस साल यह आंकड़ा काफी हद तक कम हुआ है। इस साल इन 5 महीनों में 273 सड़क दुर्घटनाएं ही हुई हैं। जो पिछले साल की तुलना में 51.80 फीसदी कम है। इसके साथ ही मौतों की संख्या में भी कमी आई है। इस बर्ष सड़क दुर्घटना में 141 लोगों की जान गई है। जो पिछले साल से 119 कम है। इतना ही नहीं सड़क हादसों में सबसे ज्यादा कमी अप्रैल- मई के महीने में आई है। क्योंकि लॉकडाउन के कारण इन महीनों में सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा, इस वजह से दुर्घटनाएं भी कम हुई।
कोरोना से ज्यादा सड़क हादसे में गई जान : कोरोना काल में हादसे और मौतों में कमी जरूर आई है, मगर अब भी यह आंकड़ा काफी ज्यादा है। इसे इस तरह से भी समझा जा सकता है कि जिले में अब तक कोरोनावायरस की वजह से करीब 98 लोगों की जान गई है। जबकि इसी समय- सीमा में हादसों में 119 लोग जान गवा चुके हैं।
पिछले बर्ष और इस बर्ष मार्च-जुलाई के बीच हुए हादसे
2019
माह हादसे मौतें
मार्च 126 51
अप्रैल 80 41
मई 146 67
जून 115 64
जुलाई 60 37
2020
माह हादसे मौतें
मार्च 69 31
अप्रैल 22 12
मई 54 28
जून 68 33
जुलाई 60 37
हर व्यक्ति की जान कीमती है। हादसों में कमी लाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले बर्ष की तुलना में इस साल हादसों में अभूतपूर्व गिरावट आइ है। जिसके पीछे लॉकडाउन भी एक कारक है।
- आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन