शहर में कूड़ा उठाने के नाम पर प्राइवेट कंपनी की मनमानी
शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के नाम पर पब्लिक से वसूली हो रही है। नगर निगम की अनुमति के बिना ही प्रत्येक घर से 50 से 100 रुपये वसूल किए जा रहे हैं। बाहरी कंपनी के लोगों ने डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन...
शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के नाम पर पब्लिक से वसूली हो रही है। नगर निगम की अनुमति के बिना ही प्रत्येक घर से 50 से 100 रुपये वसूल किए जा रहे हैं। बाहरी कंपनी के लोगों ने डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन मुहिम नगर निगम की बताकर पैसे वसूले जा रहे हैं।
नगर निगम ने 2 अक्टूबर 2016 में डोर-टू-डोर मुहिम की शुरूआत की थी। पांच एजेंसियों को मुहिम की जिम्मेदारी सौपी गई। एक साल में पांच एजेंसियों ने नगर निगम का दिवाला निकाल दिया। 5 करोड़ खर्च कर केवल डेढ़ करोड़ की वसूली दिखाई। इसके बाद नगर निगम ने पांच एजेंसियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके बाद नोएडा की एक कंपनी से नगर निगम ने करार किया। ट्रायल बतौर 16 वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन कराया गया। नगर निगम ने कंपनी के सामने शर्त रखी थी कि वो सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट भी चलाएगी और बाकरगंज डलावघर से कूड़ा उठाएगी। मगर कंपनी ने शर्त का पालन नहीं किया और नगर निगम ने करार खत्म कर दिया। मगर कंपनी के लोगों ने डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन मुहिम नहीं रोकी और जनता से पैसा वसूलना बंद नहीं की।
अपर नगरायुक्त ईश शक्ति कुमार सिंह ने बताया कि शिकायत मिल रही है कि कुछ इलाकों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के लोगों को निरीक्षण कर जांच करने को कहा है।