धूम्रपान के बाद फेफड़ों के कैंसर की बड़ी वजह है प्रदूषण
फेफड़े का कैंसर सबसे आम कर्करोग में गिना जाता है। धूम्रपान के साथ बढ़ता प्रदूषण इसकी बड़ी वजह है। कोरोना काल के बाद कमजोर पड़ चुके फेफड़े के कैंसर की...

फेफड़े का कैंसर सबसे आम कर्करोग में गिना जाता है। धूम्रपान के साथ बढ़ता प्रदूषण इसकी बड़ी वजह है। कोरोना काल के बाद कमजोर पड़ चुके फेफड़े के कैंसर की चपेट में आने की आशंका बढ़ गई है। इसके बढ़ते खतरे को देखते हुए हर साल नवंबर माह में लंग कैंसर अवेयरनेस मंथ मनाया जाता है। इस दौरान लोगों को लंग कैंसर के प्रति जागरूक किया जाता है।
जिला अस्पताल में कैंसर के डाक्टर नहीं होने की वजह से यहां आने वाले लंग कैंसर के मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जाता है। औसतन यहां 45 मरीज हर साल लंग कैंसर के आते हैं। अधिकांश में कैंसर की वजह धूम्रपान होता है। जिला अस्पताल के एडीएसआईसी डा. मेघ सिंह ने बताया कि सांस लेने में तकलीफ होने की समस्या लेकर कई मरीज अस्पताल आते हैं और लंग कैंसर होने का अंदेशा होने पर उनको हायर सेंटर रेफर किया जाता है।
फेफड़ों के कैंसर के शुरूआती लक्षण
- सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज सुनाई देना लंग कैंसर का संकेत हो सकता है
- काफी समय से खांसी आना, खांसते-खांसते अचानक आवाज का बदल जाना
- खांसते समय मुंह से खून आना लंग कैंसर का लक्षण हो सकता है
- संक्रामक रोगों का तेजी से होना, सिर में तेज दर्द होना और शरीर में कमजोरी महसूस करना
- वजन तेजी से कम होना, भूख नहीं लगना
- चेहरे, हाथ, गर्दन और अंगुलियों में सूजन आना भी लंग कैंसर का लक्षण हो सकता है
