पीएफए ने दी बेजुवान रोशनी के जीवन को नई ज्योति
आईवीआरआई में भले ही तीन घंटे ऑपरेशन चला। लेकिन बेजुवान रोशनी के जीवन में नई ज्योति खिल उठी। उसकी जान तो बचा ली गई। मगर, चार बच्चे तो कई दिन पहले ही पेट में मर चुके थे। हम बात कर रहे हैं। स्ट्रीट डॉग...
आईवीआरआई में भले ही तीन घंटे ऑपरेशन चला। लेकिन बेजुवान रोशनी के जीवन में नई ज्योति खिल उठी। उसकी जान तो बचा ली गई। मगर, चार बच्चे तो कई दिन पहले ही पेट में मर चुके थे। हम बात कर रहे हैं। स्ट्रीट डॉग रोशनी की। जिसके पेट में चार पिल्ले सड़ रहे थे। प्रसव से रोशनी गली में तड़प रही थी। पीएफए रीजनल अध्यक्ष सतीश यादव ने उसे आईवीआरआई में भर्ती कराया। वहां ऑपरेशन से तीनों बच्चे बाहर निकाले गए। रोशनी को मौत के मुंह से बचा लिया गया।
वैज्ञानिकों एवं पशु चिकित्सकों का कहना है, यदि एक घंटा लेट हो जाते तो शायद उस बेजुवान के अंदर सेप्टिक फैल जाता। पिल्लों की मौत हो चुकी थी। डॉगी भी मर जाती। सतीश यादव का कहना है, वीरसावरकरनगर से सूचना आई थी एक स्ट्रीट डॉगी के प्रसव द्वार में एक बच्चा लटक रहा है। मोहल्ले के लोग उस डॉगी को रोशनी नाम से पुकारते हैं। सूचना मिलते ही वह वहां पहुंचे तो डॉगी गली में पड़ी मौत से लड़ रही थी। उसे किसी तरह से पकड़ा तो उसने हाथ में काट लिया। जैसे-तैसे उसे लेकर आईवीआरआई पहुंचे। डा.बृजेश ने अल्ट्रासाउंड किया तो पता चला। उस बेजुवान के गर्भाशय में चार बच्चे हैं, जो मर चुके हैं। दो दिन पहले मौत हो चुकी है। जल्दी-जल्दी एक टीम बनाई गई। तीन घंटे ऑपरेशन किया गया। मृत बच्चों को बाहर निकाला। बेजुवान की जान बचा ली गई। अब उसे सेल्टर होम में रखा जाएगा। ठीक होने के बाद वीरसावरकरनगर छोड़ा जाएगा।