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अब धान की पराली से जहरीली नहीं होगी जिले की हवा

धान की पराली अब पर्यावरण के लिए मुसीबत नहीं बनेगी। खेतों में पराली जलाने से रोकने के लिए कृषि विभाग ने विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। इसके तहत किसानों को अनुदान देकर पराली जलाने से रोका...

अब धान की पराली से जहरीली नहीं होगी जिले की हवा
हिन्दुस्तान टीम,बरेलीWed, 05 Aug 2020 08:12 PM
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धान की पराली अब पर्यावरण के लिए मुसीबत नहीं बनेगी। खेतों में पराली जलाने से रोकने के लिए कृषि विभाग ने विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। इसके तहत किसानों को अनुदान देकर पराली जलाने से रोका जाएगा।

फसल कटने के बाद बचे तने (पराली) का निपटान खासा मुश्किल होता है। अधिकांश किसान खेत में ही आग लगा कर इन अवशेषों का निपटान करते हैं। इससे जहां एक ओर वातावरण में प्रदूषण का स्तर बढ़ता है दूसरी ओर खेतों की उर्वरा शक्ति भी नष्ट होती है। पराली जलाने से रोकने के लिए कृषि विभाग हर साल अभियान चलाता है। इसके तहत किसानों को जागरूक करने के साथ करने के साथ कठोर कानून भी बनाए गए हैं। पराली जलाने पर एफआईआर तक का प्रावधान है। इसके बावजूद पराली जलाने पर अब तक पूरी तरह से रोक नहीं लग पाई है। ऐसे में इस साल किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए अनुदान पर पराली नष्ट करने वाले कृषि यंत्र मुहैया कराने की योजना बनाई गई है। कृषि अधिकारियों ने बताया इसके तहत कई तरह के यंत्रों का वितरण किया जाएगा। इन यंत्रों पर 50 से 80 प्रतिशत तक का अनुदान भी दिया जाएगा। किसान यह यंत्र अकेले या फार्म मशीनरी बैंक बना कर ले सकते हैं। हर यंत्र पर अलग- अलग अनुदान तय किया गया है।

मिलेंगे यह यंत्र

योजना के अंतर्गत किसानों को 12 तरह के यंत्र दिए जाएंगे। जिनमें पैडी स्ट्रा चॉपर, हैप्पीसीडर, रोटरी स्लेसर, सुपर एसएमएस सिस्टम, श्रब मास्टर, जीरोटिल सीडकम फर्टीड्रिल, मल्चर, श्रेडर, रिवर्सिबल एमबी प्लाऊ शामिल हैं।

किसानों को पराली प्रबंधन के अनुदान पर कृषि यंत्र देने की योजना बनाई गई। इसके लिए आवेदन भी शुरू करा दिये गए हैं। इच्छुक किसान ऑनलाइन आवेदन कर यंत्र ले सकते हैं।

- अशोक कुमार, उप निदेशक कृषि

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