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अब देशवासी पूछते हैं कि कब होगा पीओके पर कब्जा

धारा-370 हटने के बाद देशवासियों की मनोस्थिति ही बदल गई है। पहले लोग हारी हुई मानसिकता से बात करते थे। आज उनके अंदर विजय की भावना है। पहले गंवाने की बात होती थी। अब बात हासिल करने की है। मोदी है तो...

धारा-370 हटने के बाद देशवासियों की मनोस्थिति ही बदल गई है। पहले लोग हारी हुई मानसिकता से बात करते थे। आज उनके अंदर विजय की भावना है। पहले गंवाने की बात होती थी। अब बात हासिल करने की है। मोदी है तो...
1/ 4धारा-370 हटने के बाद देशवासियों की मनोस्थिति ही बदल गई है। पहले लोग हारी हुई मानसिकता से बात करते थे। आज उनके अंदर विजय की भावना है। पहले गंवाने की बात होती थी। अब बात हासिल करने की है। मोदी है तो...
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2/ 4धारा-370 हटने के बाद देशवासियों की मनोस्थिति ही बदल गई है। पहले लोग हारी हुई मानसिकता से बात करते थे। आज उनके अंदर विजय की भावना है। पहले गंवाने की बात होती थी। अब बात हासिल करने की है। मोदी है तो...
धारा-370 हटने के बाद देशवासियों की मनोस्थिति ही बदल गई है। पहले लोग हारी हुई मानसिकता से बात करते थे। आज उनके अंदर विजय की भावना है। पहले गंवाने की बात होती थी। अब बात हासिल करने की है। मोदी है तो...
3/ 4धारा-370 हटने के बाद देशवासियों की मनोस्थिति ही बदल गई है। पहले लोग हारी हुई मानसिकता से बात करते थे। आज उनके अंदर विजय की भावना है। पहले गंवाने की बात होती थी। अब बात हासिल करने की है। मोदी है तो...
धारा-370 हटने के बाद देशवासियों की मनोस्थिति ही बदल गई है। पहले लोग हारी हुई मानसिकता से बात करते थे। आज उनके अंदर विजय की भावना है। पहले गंवाने की बात होती थी। अब बात हासिल करने की है। मोदी है तो...
4/ 4धारा-370 हटने के बाद देशवासियों की मनोस्थिति ही बदल गई है। पहले लोग हारी हुई मानसिकता से बात करते थे। आज उनके अंदर विजय की भावना है। पहले गंवाने की बात होती थी। अब बात हासिल करने की है। मोदी है तो...
हिन्दुस्तान टीम,बरेलीThu, 26 Sep 2019 02:19 AM
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धारा-370 हटने के बाद देशवासियों की मनोस्थिति ही बदल गई है। पहले लोग हारी हुई मानसिकता से बात करते थे। आज उनके अंदर विजय की भावना है। पहले गंवाने की बात होती थी। अब बात हासिल करने की है। मोदी है तो मुमकिन है। अब लोगों के मन में यही सवाल है कि आखिर पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर कब्जा कब होगा। यह कहना है भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश का।

बुधवार को आईएमए हॉल में राष्ट्रीय एकता अभियान के तहत भाजपा ने प्रबुद्ध जन गोष्ठी का आयोजन किया। मुख्य वक्ता शिव प्रकाश ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय जिन बातों को सिद्धांतों के रूप में कहते थे वे आज मूर्त रूप धारण कर रही हैं। दरअसल धारा 370 सिर्फ भाजपा का ही मुद्दा नहीं है और न यह हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा है। यह पूरे देश का मुद्दा है। हर पार्टी का मुद्दा है। अगर सिर्फ भाजपा का मुद्दा होता तो हमारे लोकसभा में 303 सांसद ही हैं मगर हमें 370 वोट मिले। राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के बाद भी हम जीते। हर व्यक्ति, हर दल का नेता यही चाहता था कि धारा-370 हट जाए। धारा-370 हो या 35-ए दोनों को पूर्ण संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करते हुए हटाया गया। इसको कहीं भी चुनौती नहीं दी जा सकती है। 1971 के शिमला समझौते के बाद यूएन के प्रावधान तो वैसे ही लागू नहीं होते हैं। धारा-370 हटाने से पहले कश्मीर में छह हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। किसी को भी गैर-कानूनी तरह से गिरफ्तार नहीं किया गया। सभी पर पहले से मुकदमे थे। कश्मीर के जेलों में बंद आतंकियों को शिफ्ट कर दिया गया। उन्हें पता तक नहीं था कि वो कहां शिफ्ट किए जा रहे हैं।

दुनिया के खुफिया तंत्र को चकमा दे हटाई धारा

शिवप्रकाश ने कहा कि अगर धारा-370 हट पाई तो हमारे नेतृत्व के कारण। प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के कारण। हमारी तैयारी इतनी पुख्ता थी कि पूरी दुनिया की खुफिया एजेंसियों को भनक तक नहीं लगी। गृहमंत्री हाथ में धारा-370 हटाने का कागज लेकर सदन में गए, यह बात किसी को पता नहीं थी। राजनीतिक गतिरोध से बचाने के लिए इसे पहले राज्यसभा में रखा गया। उसके बाद लोकसभा में।

कश्मीर में नहीं था लोकतंत्र

उपस्थित लोगों से सीधा संवाद कायम करते हुए शिव प्रकाश ने कहा कि कश्मीर में लोकतंत्र था ही नहीं। 1964 तक तो विधायक ही लोकसभा सदस्य चुनकर भेजते थे। विधानसभा चुनावों में विपक्षियों के पर्चे खारिज करवा दिए जाते थे। भारत पैसा भेजता था। उस पैसे से आतंकवादी, अलगाववादी और चंद राजनीतिक परिवार पल रहे थे। अब सभी कानून लागू होंगे। एक देश, एक विधान, एक निशान होगा।

अब आजादी गैंग के मंसूबे नहीं होंगे पूरे

उन्होंने कहा कि धारा-370 हटने के बाद अब आजादी गैंग की कुछ नहीं चलने वाली है। अब राष्ट्रभक्ति की प्रधानता नजर आएगी। जम्मू-कश्मीर में धारा-370 लागू करने के लिए उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को दोषी बताया। कहा कि इसके कारण पूरे देश में अलगाववाद बढ़ा। आतंकवाद बढ़ा। बंगाल की मुख्यमंत्री कहती हैं कि वो प्रधानमंत्री को नहीं मानती। जेएनयू जैसे शिक्षा के मंदिर में भारत के टुकड़े करने जैसे विचार पोषित हुए। आजादी गैंग देश की छवि खराब करने लगा। अफजल जैसे आतंकियों की देश में पूजा होने लगी। अस्थाई व्यवस्था होने के बाद भी मुस्लिम तुष्टीकरण के चलते इसे हटाने नहीं दिया गया। देश के नेतृत्व के पास इसे हटाने का साहस ही नहीं था। उन्होंने कहा कि राजा हरि सिंह ने भारत में शामिल होने के लिए प्रस्ताव पारित कर संविधान सभा को भेज दिया था। जम्मू-कश्मीर को देश के 15वें राज्य के रूप में शामिल करने की सूची भी जारी कर दी गई। पंडित नेहरू जम्मू कश्मीर के राजा हरि सिंह को पसंद नहीं करते थे। वो पूरे मामले को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ में चले गए। कश्मीर को जानबूझकर विवादित क्षेत्र बनाकर धारा-370 लागू कर दिया गया। बाद में बिना किसी संवैधानिक प्रक्रिया के 35-ए को भी जोड़ दिया गया। डा. राजेंद्र प्रसाद से लेकर सभी दलों के नेताओं ने पंडित नेहरू को चेताया मगर उसके बाद भी उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

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