अब आयुष्मान योजना में मरीज का होगा बायोमैट्रिक सत्यापन, नहीं होगा फर्जीवाड़ा
आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा रोकने की कवायद शुरू हो गई है। अब योजना के तहत इलाज कराने वाले मरीज का बायोमैट्रिक सत्यापन किया जाएगा। भर्ती होने से पहले और अस्पताल से छुट्टी के बाद, दोनों बार मरीज को...
आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा रोकने की कवायद शुरू हो गई है। अब योजना के तहत इलाज कराने वाले मरीज का बायोमैट्रिक सत्यापन किया जाएगा। भर्ती होने से पहले और अस्पताल से छुट्टी के बाद, दोनों बार मरीज को बायोमैट्रिक मशीन पर अंगुलियों का निशान देना होगा। यह अनिवार्य कर दिया गया है और जिले में इंपैनल्ड निजी अस्पतालों को बायोमैट्रिक मशीन लगाने का निर्देश जारी हो गया है।
जिले में 2.5 लाख परिवार आयुष्मान योजना के तहत पात्र हैं। प्रत्येक परिवार के 5 सदस्यों को इस योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का इलाज नि:शुल्क किया जा रहा है। बरेली शुरू से ही आयुष्मान योजना में पूरे प्रदेश में सबसे आगे चल रहा है। यहां सबसे अधिक लाभार्थियों का आयुष्मान योजना में इलाज किया गया है। जिले में करीब 90 अस्पताल आयुष्मान योजना के तहत इंपैनल्ड हो चुके हैं। योजना में किसी तरह का फर्जीवाड़ा न हो, इसके लिए नए सिरे से कोशिश शुरू हो गई है। अब निर्देश जारी किया गया है कि अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीज का बायोमैट्रिक मशीन के जरिये निशान लिया जाएगा। भर्ती करते समय और इलाज के बाद छुट्टी के समय बायोमैट्रिक मशीन पर निशान अनिवार्य हो गया है।
हर इलाज पर करना होगा बायोमैट्रिक
- सभी आरोग्य मित्रों को बीएसआई और टीएमएस पर लागइन करने के लिए उनका बायेामैट्रिक सत्यापन अनिवार्य
- लाभार्थी को चिकित्सालय में भर्ती करने और डिस्चार्ज के बाद बायोमैट्रिक करना होगा
- यदि किसी लाभार्थी को एक से अधिक डे केयर जैसे डायलिसिस, कीमोथेरेपी चाहिए तो उसे प्रत्येक प्रक्रिया के लिए बायोमैट्रिक सत्यापन कराना होगा
- एक लाभार्थी को एक से अधिक बार योजना का लाभ लेने पर हर बार बायोमैट्रिक सत्यापन कराना होगा
सीएमओ डा. वीके शुक्ल ने बताया किआयुष्मान योजना में अब मरीज का बायोमैट्रिक सत्यापन जरूरी हो गया है। इंपैनल्ड अस्पतालों को इस बाबत निर्देश जारी कर दिया गया है। बिना बायोमैट्रिक सत्यापन के लाभार्थी का इलाज नहीं किया जाएगा।