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रोडवेज बसों में बीच रास्ते चढ़ने वालों की थर्मल स्क्रीनिंग नहीं

अन लॉक वन में शुरू हुए बस संचालन में 15 दिन में ही रोडवेज की व्यवस्था बेपटरी हो गई। दावों के इतर बसों में संक्रमण से बचाव के कोई इंतजाम नहीं हैं। बिना सेनेटाइज और थर्मल स्क्रीनिंग के ही लोग बसों से...

रोडवेज बसों में बीच रास्ते चढ़ने वालों की थर्मल स्क्रीनिंग नहीं
हिन्दुस्तान टीम,बरेलीWed, 17 Jun 2020 02:12 AM
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अन लॉक वन में शुरू हुए बस संचालन में 15 दिन में ही रोडवेज की व्यवस्था बेपटरी हो गई। दावों के इतर बसों में संक्रमण से बचाव के कोई इंतजाम नहीं हैं। बिना सेनेटाइज और थर्मल स्क्रीनिंग के ही लोग बसों से यात्रा कर रहे हैं।

परिवहन निगम ने 1 जून से रोडवेज बसों का संचालन शुरू किया है। संचालन से पहले संक्रमण से बचाव के लिए निगम ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जारी किया।

इसके तहत बस अड्डों और बसों के अंदर संक्रमण से बचाव के लिए कई व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। शुरुआती कुछ दिनों तक इनमें से कुछ व्यवस्थाओं का पालन भी कराया गया मगर सिर्फ 15 दिन में ही यह सारी कवायद हवा में उड़ गई। संक्रमण से बचाव के लिए रोडवेज की पूरी व्यवस्था चरमरा गई। आलम ये है कि बसों में बीच रास्ते से चढ़ने वाली सवारियों की स्क्रीनिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। रोडवेज ने परिचालकों को थर्मल गन मुहैया नहीं कराई हैं। जिस वजह से बीच रास्ते चढ़ने वाले लोग बिना जांच के ही सफर कर रहे हैं। बस अड्डे पर प्रवेश के दौरान भी आधे से ज्यादा यात्रियों की जांच नहीं हो रही।

सेनेटाइज नहीं हो रही बसें : यूनियन नेताओं की माने तो संचालन से पहले बसों के सेनेटाइजेशन में भी खेल हो रहा है। रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के पदाधिकारी ने बताया कि वर्कशॉप स्टाफ बिना सेनेटाइज किए ही बसों को रूट पर रवाना कर रहा है।

संसाधनों की कमी के चलते बसों के लिए थर्मल गन की व्यवस्था नहीं की गई है। हालांकि बस स्टेशन पर पूर्णतया जांच के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है। स्टेशन पर जांच में लापरवाही की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

एसके बनर्जी, क्षेत्रीय प्रबंधक

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