ऊंची छलांग के लिए डाउन बाजार में दांव लगा रहे नए निवेशक
शेयर और म्यूच्युअल फंड बाजार में छाई मंदी के बाद भी बड़ी संख्या में नए निवेशकों ने इस बाजार से नाता जोड़ लिया है। एफडी, पीपीएफ सहित तमाम बचत योजनाओं का कम होता ब्याज, सस्ते शेयर और भारी-भरकम आर्थिक...

शेयर और म्यूच्युअल फंड बाजार में छाई मंदी के बाद भी बड़ी संख्या में नए निवेशकों ने इस बाजार से नाता जोड़ लिया है। एफडी, पीपीएफ सहित तमाम बचत योजनाओं का कम होता ब्याज, सस्ते शेयर और भारी-भरकम आर्थिक पैकेज इसके कारण बताए जा रहे हैं। म्यूच्युअल फंड डि्स्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन प्रथम के अनुसार लॉकडाउन में बरेली के 2550 नए निवेशक एमएफ बाजार से जुड़े हैं। जबकि शेयर बाजार में यह संख्या दस हजार के आसपास है।
इस समय हर तरफ शेयर और एमएफ बाजार के डाउन होने की चर्चा है। पहली नजर में देखकर ऐसा लगता है कि अब निवेशकों का रुझान इस बाजार से हट चुका है। जबकि हैरानी की बात ये है कि पुराने धुरंधरों की जगह नए-नए लोग इस बाजार से खुद को जोड़ रहे हैं। वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने के बाद लोग अपनी गाढ़ी कमाई को शेयर-एमएफ बाजार में लगा रहे हैं। केंद्र सरकार के भारी-भरकम आर्थिक पैकेज के बाद इस संख्या में और भी इजाफा होता दिख रहा है।
दरअसल आम लोग भी यह मान रहे हैं कि आज नहीं तो कल बाजार में बूम आना तय है। आने वाले समय में सूचकांक भी ऊंची छलांग लगाएगा। इसके बाद लांग टर्म निवेश करने वालों को बड़ा लाभ होगा। बैंकों में ब्याज की लगातार कम होती दरों ने भी लोगों को रिस्क लेने को प्रेरित किया है।
बैंक लगातार घटा रहे हैं ब्याज दर
आम लोगों का बैंक की एफडी और पीपीएफ में निवेश सबसे ज्यादा पसंद रहा है। इधर आकर बैंकों ने लगातार अपनी ब्याज दरें घटाई हैं। एसबीआई जैसा बड़ा बैंक भी पिछले एक महीने में दो बार एफडी पर ब्याज घटा चुका है। अप्रैल में नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट और पीपीएफ समेत सभी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें 1.4 फीसदी तक घटा दी गई थी। इससे लोगों की सोच बदल रही है।
बचत योजनाओं में घटता ब्याज
- योजना-ब्याज मार्च 2020-ब्याज मई 2020
- किसान विकास पत्र-7.6-6.9 फीसदी
- पीपीएफ-7.9-7.1 फीसदी
- एनएससी-7.9-6.8 फीसदी
- सुकन्या समृद्धि योजना-8.4-7.6 फीसदी
- सीनियर सिटीजन एफडी-8.6-7.4 फीसदी
- मियादी जमा पांच साल-7.7-5.6 फीसदी
बैंकों में एफडी पर कम है ब्याज
- एसबीआई-5.70 फीसदी
- पीएनबी-5.80 फीसदी
- बीओबी-6.15 फीसदी
- बीओआई-6.25 फीसदी
- केनरा बैंक-5.80 फीसदी
- एचडीएफसी-6.15 फीसदी
- आईसीआईसीआई-6.0 फीसदी
- यस बैंक-7.25 फीसदी
निवेश बढ़ने के हैं यह हैं कारण
- एफडी, पीपीएफ आदि में ब्याज की दर लगातार गिर रही है
- दस साल में एमएफ की लार्ज कैप स्कीम ने औसतन 11 फीसदी का रिटर्न दिया
- म्यूच्युअल फंड बाजार में समय को देखकर कभी भी फंड स्विच किया जा सकता है
- मार्केट गिरने के बाद नेट एसेट वैल्यू का नीचे आना निवेशकों को आकर्षित कर रहा है
- एफडी पर टैक्स स्लैब के अनुसार ब्याज लगता है। जबकि एमएफ में एक लाख तक के लाभ पर कोई टैक्स नहीं।
- डिजिटल होने की वजह से निवेशक घर बैठे निवेश कर सकते हैं और आसानी से पैसा निकाल सकते हैं
- कम आमदनी वाले लोग भी सही सलाह मिलने पर रिस्क उठाने को तैयार
वित्तीय सलाहकारों की बात
2008 की गिरावट के बाद कमाया 75 फीसदी लाभ
अग्रिम मनी के डायरेक्टर अग्रिम गुप्ता ने बताया कि 2008 में सबसे बड़ी गिरावट हुई थी। उस वक्त जिन नए लोगों ने निवेश किया था उन्हें अगले ही वर्ष 75 फीसदी तक का रिटर्न मिला था। यही वजह है कि लोग अब गिरावट में डरने की जगह निवेश कर रहे हैं। अपने वित्तीय सलाहकार की मांग के बाद पुराने निवेशकों ने भी निवेश किया है मगर नए लोगों की संख्या ज्यादा है।
बाजार में धीरे-धीरे कर आ रही मजबूती
मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में एसोसिएट पार्टनर जतिन मदान ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में जियो में कई बड़े-बड़े निवेश हुए हैं। इस तरह के निवेश से बाजार समृद्ध होता है। सरकार ने आर्थिक पैकेज भी घोषित किया है। कुल मिलाकर यह छोटे निवेशकों के लिए निवेश का उचित समय है। लोग इसका लाभ उठा रहे हैं। जिन्होंने मार्च के अंत में निवेश किया, उन्हें अप्रैल में ही फायदा मिल गया।
निवेशकों की बात
पहली बार लगाया है म्यूच्युअल फंड में पैसा
फ्लोरा गार्डन में महाप्रबंधक अमित शर्मा ने कहा कि हमने अपने सलाहकार से बात करने के बाद पहली बार म्यूच्युअल फंड में पैसा लगाया है। अभी बाजार भले ही डाउन है, मगर इसका उठना पूरी तरह से तय है। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आने वाला समय बहुत ही अच्छा होगा। अच्छे रिटर्न की आशा में निवेश किया है।
सरकार के प्रयासों से बाजार का उठना तय
फार्मा कंपनी में रीजनल मैनेजर रामकुमार सिंह ने कहा कि बैंकों में एफडी, पीपीएफ पर ब्याज लगातार घट रहा है। इस कारण जो भी बचत होती है, उसको अलग-अलग निवेश करना शुरू किया है। केंद्र सरकार का आत्मनिर्भर भारत आने वाले समय में देश की तस्वीर बदल देगा। ऐसे में ट्रेड बाजार का ऊपर जाना तय है। इसी उम्मीद में पैसा लगाया है।
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