बरेली में फैमिली प्लानिंग में पुरुष निकले लापरवाह, महिलाएं जिम्मेदार
घर-गृहस्थी संभालने वाली महिलाओं ने बरेली में अब पुरुषों को परिवार नियोजन की हिस्सेदारी में पछाड़ दिया है। अब तक स्थायी परिवार नियोजन में तो महिलाओं की हिस्सेदारी अधिक होती ही थी, अब अस्थायी संसाधनों...
घर-गृहस्थी संभालने वाली महिलाओं ने बरेली में अब पुरुषों को परिवार नियोजन की हिस्सेदारी में पछाड़ दिया है। अब तक स्थायी परिवार नियोजन में तो महिलाओं की हिस्सेदारी अधिक होती ही थी, अब अस्थायी संसाधनों में भी पुरुषों को उन्होंने पीछे कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से चल रहा फैमिली प्लानिंग अभियान पूरी तरह महिलाओं के कंधे पर आ गया है और करीब 80 फीसदी से अधिक उनकी ही भूमिका है।
जनसंख्या नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग कई सालों से परिवार नियोजन अभियान चला रहा है। इसके प्रचार प्रसार के साथ ही आशा, एएनएम और आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की मदद से संसाधनों को गांव-कस्बे तक सुलभ करने की कवायद की। इस अभियान में स्थायी संसाधनों जैसे नसबंदी में महिलाओं की संख्या अधिक होती रही है। पुरुष नसबंदी जहां नाममात्र की होती है वहीं महिला नसबंदी का आंकड़ा कहीं ज्यादा होता है। लेकिन अस्थायी संसाधन (निरोध, गर्भनिरोध गोली, कापर टी) में पुरुषों की भागीदारी अधिक होती थी। लेकिन अब इसमें भी महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ गई है जबकि पुरुषों की घटी है।
आंकड़ों की नजर में फैमिली प्लानिंग
पुरुष संसाधन | 2018 | 2019 |
नसबंदी | 78 | 39 |
निरोध | 7024 | 5398 |
महिला संसाधन | 2018 | 2019 |
नसबंदी | 2215 | 2404 |
अंतरा इंजेक्शन | 2370 | 3651 |
छाया गोली | 2692 | 5867 |
सीएमओ डा. वीके शुक्ल ने बताया कि परिवार नियोजन के लिए लगातार अभियान चलाया जाता है। पुरुष नसबंदी पखवाड़ा भी हर साल चलता है। यह सही है कि फैमिली प्लानिंग में महिलाओं की हिस्सेदारी पुरुषों से कहीं अधिक होती है। इसकी एक वजह यह भी है कि परिवार नियोजन के संसाधन के विकल्प भी उनके लिए अधिक हैं।