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राशन की दुकानों पर लटके ताले, कार्ड धारक मायूस होकर लौटे 

एक तो चोरी, दूसरे सीना जोरी वाली कहावत राशन कोटेदारों पर सटीक बैठती है। एक तो गरीबों के राशन की कालाबाजारी कर रहे हैं। जब शासन स्तर से कार्रवाई को शिकंजा कसा गया तो अनिश्चितकाल हड़ताल कर दी। पांच...

राशन की दुकानों पर लटके ताले, कार्ड धारक मायूस होकर लौटे 
हिन्दुस्तान टीम,बरेलीWed, 05 Sep 2018 12:58 PM
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एक तो चोरी, दूसरे सीना जोरी वाली कहावत राशन कोटेदारों पर सटीक बैठती है। एक तो गरीबों के राशन की कालाबाजारी कर रहे हैं। जब शासन स्तर से कार्रवाई को शिकंजा कसा गया तो अनिश्चितकाल हड़ताल कर दी। पांच सितंबर से कोटेदारों ने दुकानों पर ताले डाल दिए। राशन कार्ड धारक बेचारे सुबह से ही दुकानों पर राशन लेने को पहुंच गए। मायूस होकर लौटना पड़ा। 

बरेली में जिले में 1762 के आसपास राशन वितरण की दुकानें हैं। शहर में 362 और 1400 के आसपास देहात में हैं। हर महीने की पांच तारीख से राशन वितरण किया जाता है। करीब सात लाख राशन कार्ड हैं। जून-जुलाई में की गड़बड़ियों ने प्रदेश सरकार को ही हिला दिया। बरेली समेत प्रदेश के 43 जिलों में हजारों कुंतल राशन की कालाबाजारी की पुष्टि की गई। बरेली में वीके बाली, किशन लाल, कमल कुमार समेत 12 कोटेदारों पर मुकदमें दर्ज कराए गए। गाजियाबाद में रातों-रात 162 कोटेदारों पर मुकदमें हुए। इलाहाबाद में सबसे अधिक गड़बड़ी पकड़ी गई। कार्रवाई से बौखलाए कोटेदार इसके विरोध में आ आए। पांच सितंबर से अनिश्वितकाल हड़ताल कर दी। बुधवार को सवा आठ बजे से राशन वितरण होना था। कोटेदारों ने दुकानों के ताले ही नहीं खोले। कार्ड धारक सुबह सात बजे से ही दुकानों के बाहर जाकर राशन मिलने का इंतजार करने लगे। दस बजे तक दुकानें नहीं खुली तो मायूस होकर वापस लौट गए। उचित दर विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव हरीशंकर कन्नौजिया का कहना है, सरकार कोटेदारों का उत्पीड़न कर रही है। बिना जांच पड़ताल के मुकदमें दर्ज कराए जा रहे हैं। 200 रुपए प्रति कुंतल का लाभांश मिलने की मांग को पूरा नहीं किया जा रहा है। इसलिए आल इंडिया फेडरेशन के आहवान पर कोटेदार पांच सितंबर से हड़ताल पर चले गए हैं।  

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