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बीएड प्रवेश परीक्षा में जाम ने रुलाया, 7 फीसदी लोग नहीं पहुंचे परीक्षा देने

बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा सोमवार को प्रदेश के 15 शहरों में हुई। परीक्षार्थियों की भारी भीड़ के कारण लगे जाम से परीक्षार्थियों को ही रुलाया। काफी परीक्षार्थी समय पर केंद्र पर रिपोर्ट नहीं कर सके। कई...

बीएड प्रवेश परीक्षा में जाम ने रुलाया, 7 फीसदी लोग नहीं पहुंचे परीक्षा देने
हिन्दुस्तान टीम,बरेलीMon, 15 Apr 2019 01:42 PM
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बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा सोमवार को प्रदेश के 15 शहरों में हुई। परीक्षार्थियों की भारी भीड़ के कारण लगे जाम से परीक्षार्थियों को ही रुलाया। काफी परीक्षार्थी समय पर केंद्र पर रिपोर्ट नहीं कर सके। कई तो परीक्षा शुरू होने के 30 से 40 मिनट की देरी से केंद्रों पर पहुचें। हालांकि उनको परीक्षा केंद्रों पर देरी से पहुंचने के कारण प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। पहली पाली में करीब 7 प्रतिशत परीक्षार्थियों ने प्रवेश परीक्षा छोड़ दी। किसी केंद्र से गड़बड़ी की कोई शिकायत नहीं मिली है। बीएड प्रवेश परीक्षा के लिए प्रदेश के 15 शहरों में 1216 केंद्र बनाए गए हैं जहां पर 6.09 लाख परीक्षार्थी दो लाख सीटों पर दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा दे रहे हैं। पहली पाली सुबह 9-12 बजे तक हुई। इसमें 7 प्रतिशत परीक्षार्थियों ने प्रवेश परीक्षा छोड़ दी।

बीएड की संयुक्त प्रवेश 1216 केंद्रों पर आज

प्रवेश परीक्षा के लिए सबसे बड़ा केंद्र लखनऊ को बनाया गया था। बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा के मुख्य समन्वयक प्रो. बीआर कुकरेती ने बताया कि परीक्षा के दौरान गड़बड़ी की कोई शिकायत नहीं आई है। सात फीसदी परीक्षार्थी अनुपस्थित हैं। सभी 15 शहरों में जिला प्रशासन के साथ आब्जर्वर और विवि प्रतिनिधियों ने सुबह से ही परीक्षा को लेकर अपनी जिम्मेदारियों के अनुरुप काम किया।विवि से परीक्षा की ऑनलाइन निगरानी होती रही। नेहरु युवा केंद्र में कंट्रोलरुम बनाया गया था और यही से मोबाइल एप की मदद से ऑनलाइन परीक्षा का हाल देखा गया।

ज्योति कॉलेज के बाहर लगा भीषण जाम

बीएड प्रवेश परीक्षा का केंद्र बने ज्योति कॉलेज के बाहर भारी जाम लग गया। इसकी वजह से परीक्षार्थियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। भारी भीड़ और जाम को लेकर लखनऊ में भी काफी जाम की स्थिति रही। प्रो. कुकरेती ने बताया कि जहां भी समस्या हुई वहां के डीएम से बात कर स्थिति को सामान्य किया गया। परीक्षार्थियों की बायोमेट्रिक अटेंडेंस का पूरा सिस्टम विवि से जुड़ा था। इसकी वजह से अटेंडेंस का रिकार्ड विवि के पास ऑनलाइन पहुंच रहा था। साथ ही ऑनलाइन निगरानी का यह नया सिस्टम भी कामयाब हुआ।

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