ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेशबरेली के इस मंदिर में पांडवों ने की थी मां शीतला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा

बरेली के इस मंदिर में पांडवों ने की थी मां शीतला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा

बरेली-शाहजहांपुर रोड पर स्थित महाभारतकालीन नरियावल गांव का मां शीतला देवी मंदिर श्रद्धालुओ की आस्था का प्रतीक है। मान्यता है कि मां के प्राचीन मंदिर के दर्शन मात्र से ही भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो...

बरेली के इस मंदिर में पांडवों ने की थी मां शीतला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा
हिन्दुस्तान टीम,बरेलीMon, 08 Apr 2019 11:19 AM
ऐप पर पढ़ें

बरेली-शाहजहांपुर रोड पर स्थित महाभारतकालीन नरियावल गांव का मां शीतला देवी मंदिर श्रद्धालुओ की आस्था का प्रतीक है। मान्यता है कि मां के प्राचीन मंदिर के दर्शन मात्र से ही भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती है। इस मंदिर में होली के बाद और आषाढ़ माह में बासी भोजन चढ़ाया जाता है। माना जाता है कि मां शीतला शारीरिक कष्ट, रोग-दोष का नाश करती हैं और श्रद्धालुओं को सौभाग्य देती हैं। इस मंदिर पर लाखों हिन्दुओं और मुसलमानों की आस्था है।

नरियावल गांव के मां शीतला देवी मंदिर के महंत प्रवीन शर्मा ने बताया कि प्राचीन समय में यह क्षेत्र नरवर गढ़ नाम से जाना जाता था यहां एक नरबलि नाम का राक्षस रहता था।

कहते हैं कि वह हर रोज एक लड़की बली लेता था। यहां रहने वाले लोग नरबलि नाम के राक्षस से दुखी थे। साढ़े पांच सौ वर्ष पहले वनवास के दौरान पांचो पांडव पहुंचे। उन्होंने नरबलि नामक राक्षस का वध किया। इसके बाद उन्होंने मां शीतला देवी की मूर्ति को प्राण प्रतिष्ठित किया। माना जाता है कि यह मंदिर बरेली के तत्कालीन राजा वासुदेव ने बनवाया था। तब से ही यह मंदिर लाखों लोगों की श्रद्धा का केंद्र है। मंदिर के आस-पास कई कुएं हैं जो सैकड़ों वर्ष पुराने हैं। पुरातत्व विभाग के लोग भी यहां आकर जांच कर गए तो पाया कि काफी पुरानी ईंटों का प्रयोग किया गया है। इस मंदिर में मां शीतला का पूजन करने के साथ-साथ कुएं का भी पूजन किया जाता है। माना जाता है कि देवी शीतला कुएं में भी रहती हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें