बरेली में जल निकासी के नाम पर बिगड़ा सिस्टम
जल निकासी के नाम पर करोड़ो खर्च होने के बाद भी शहर का जलभराव में डूबना तय है। शहर के पानी की निकासी के लिए बनाए जा रहे सिस्टम में जगह-जगह झोल है। आलम यह है कि इंजीनियरों के मौके पर न जाने की वजह से...
जल निकासी के नाम पर करोड़ो खर्च होने के बाद भी शहर का जलभराव में डूबना तय है। शहर के पानी की निकासी के लिए बनाए जा रहे सिस्टम में जगह-जगह झोल है। आलम यह है कि इंजीनियरों के मौके पर न जाने की वजह से ठेकेदार मानकों का ख्याल रखे बगैर सड़क और नाले-नालियों का निर्माण करा रहे हैं। इस वजह से यह जगह-जगह ऊंचे-नीचे बन रहे हैं। कार्यों में अनियमितता की शिकायत पर बीते दिनों मेयर ने कई निर्माण कार्यों की फाइल वापस कर दी।
शहर की बदहाल जलनिकासी व्यवस्था को सुधारने के लिए इन दिनों शहर में बड़े पैमाने पर नाले-नालियों का निर्माण किया जा रहा है। नगर निगम के निर्माण विभाग की ओर से किए जा रहे इस कार्य में मानकों का पालन ही नहीं किया जा रहा। आलम यह है कि इन्हें बनाने में ढलान तक का ख्याल नहीं रखा जा रहा। दुर्गानगर, संजय नगर, हजियापुर सहित कई इलाकों में यही हाल है।
विभाग के इंजीनियरों के निगरानी न करने की वजह से ठेकेदार मनमर्जी से काम करा रहे हैं। स्थानीय पार्षद और आम लोगों की मानें तो नए बनाए जा रहे नालों का सिस्टम मानक के अनुरूप नहीं है। घटिया निर्माण सामग्री इस्तेमाल करने के साथ उनकी निकासी मानक के मुताबिक नहीं हो रही। ठेकेदारों से शिकायत करने पर वह अनसुना कर देते हैं। उन्होंने बताया कि नए नाले जगह-जगह ऊंचे-नीचे हैं जिस वजह से इनका जलनिकासी में फेल होना तय है।
दो ठेकेदार की फर्म को ब्लैक लिस्ट की तैयारी
पिछले साल अधूरा निर्माण कार्य छोड़ देने और निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किए जाने के मामले में दो ठेकेदारों की फर्म को ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी हो रही है। मेयर डॉ. उमेश गौतम ने मुख्य अभियंता को लिस्ट दी है। बताया जा रहा है कि ठेकेदार ने नियम कानून को ताक पर रख काम किए और निर्माण कार्य बीच में छोड़ दिया। जांच पड़ताल के बाद इन ठेकेदारों की कामों की गुणवत्ता मानक पर खरी नहीं उतरी।
शहर में निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने बिना नालियों के सड़क बनाने का एस्टीमेट बना डाला। वे यह भूल गए थे कि जब सड़क बनेगी तो नालियों कब बनाई जाएगी। ऐसी 14 फाइल एस्टीमेट की पास होने के लिए आई थी, जिन्हें लौटा दिया गया है।
डॉ. उमेश गौतम, मेयर
मेयर कार्यालय से 14 फाइलें वापस लौटाई गई हैं। ये फाइलें सड़क निर्माण की थीं लेकिन इनमें किसी में भी एक भी नाली के निर्माण का जिक्र नहीं था। इसलिए फाइलें फिर से बनाई जाएंगी। नालियों को साथ में ही बनाया जाएगा।
संजय सिंह चौहान, मुख्य अभियंता