कमीशन पर रोक : विधायक निधि पर पहरा बैठाया तो बौखलाए बरेली के माननीय
एमएलए-एमएलसी विधायक निधि के ज्यादातर काम अपने चेहते ठेकेदारों को दिलवा रहे थे। मोटे कमीशन का खेल चल रहा था। प्राइवेट ठेकेदार 50 फीसदी कमीशन माननीयों को पहुंचा रहे थे। प्राइवेट स्कूलों को बिल्डिंग के...
एमएलए-एमएलसी विधायक निधि के ज्यादातर काम अपने चेहते ठेकेदारों को दिलवा रहे थे। मोटे कमीशन का खेल चल रहा था। प्राइवेट ठेकेदार 50 फीसदी कमीशन माननीयों को पहुंचा रहे थे। प्राइवेट स्कूलों को बिल्डिंग के लिए माननीय हाथ खोलकर विधायक निधि दे रहे थे। ऐसे में सीडीओ ने विधायक निधि के काम प्राइवेट ठेकेदारों के जरिए कराने पर रोक लगा दी। अब विधायक निधि से बिल्डिंग आरईडी बनाएगी। सीडीओ के आदेश से माननीय खफा हैं। आदेश वापस कराने का दवाब बना रहे हैं।
एमएलए-एमएलसी को दो करोड़ सालाना विधायक निधि मिलती है लेकिन विधायक निधि में कमीशन का खेल चल रहा था। निधि की बड़ा हिस्सा प्राइवेट स्कूलों को दिया गया है। एक एमएलसी ने तो अपने कार्यकाल की करीब पूरी विधायक निधि प्राइवेट स्कूलों की बिल्डिंग को ही दी है। प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों से साठगांठ करके विधायक निधि में 50 फीसदी तक कमीशन का खेल चल रहा है। कुछ तो बनी हुई बिल्डिंग को विधायक निधि से दिखाकर गड़बड़ी की गई। विधायक निधि की पहली किस्त के इस्तेमाल का उपयोग प्रमाण पत्र तक स्कूलों के प्रबंधक नहीं दिखा सके। दूसरी किस्त जारी नहीं हो सकी। गड़बडियां सामने आने के बाद सीडीओ ने विधायकों के चेहतों प्रबंधकों से स्कूलों की बिल्डिंग बनाने के काम से बाहर कर दिया। अब प्रबंधक स्कूल में विधायक निधि से बिल्डिंग का निर्माण नहीं कर सकेंगे। बिल्डिंग का निर्माण आरईडी करेगी।
सीडीओ ऑफिस में दिन भर जमे एमएलसी
बरेली मंडल के दूसरे जिले में रहने वाले एक एमएलसी को सीडीओ के फैसले से सबसे अधिक झटका लगा है। इस एमएलसी ने सबसे ज्यादा विधायक निधि प्राइवेट स्कूलों को दी है। एमएलसी दिन भर सीडीओ ऑफिस में जमे रहे। अपने समर्थकों को लेकर सीडीओ के पास आए थे। सीडीओ ने आदेश वापस लेने से साफ मना कर दिया।
लखनऊ से लगवाई सिफारिश
सीडीओ के आदेश से कई विधायक और एमएलसी खफा हैं। कमीशन हाथ से जाता देख माननीय सीडीओ के आदेश के वापस कराने को जोड़तोड़ कर रहे हैं। लखनऊ से भी सिफारिश लगवाईं जा रहीं हैं।
विधायक निधि से बनने वाली स्कूल की बिल्डिंग अब आरईडी बनाएगी। पहले स्कूल प्रबंधक अपनी मर्जी से विधायक निधि से बिल्डिंग का निर्माण करवा लेते थे। ज्यादातर प्रबंधक विधायक निधि की पहली किस्त का उपयोग का प्रमाण पत्र भी नहीं दे पाए हैं। विधायक निधि का बेहतर इस्तेमाल कराने के मकसद से फैसला किया है।
सत्येंद्र कुमार, सीडीओ
सीडीओ अपनी मर्जी से विधायक निधि से बनने वाली बिल्डिंग की एजेंसी तय नहीं कर सकते। आरईडी की बजाय स्कूल का प्रबंधक बेहतर बिल्डिंग बनवाता है। उसको अपने स्कूल से हमदर्दी होती है। हम सीडीओ के फैसले पर ऐतराज जता चुके हैं। अगर जरूरी हुआ तो ग्राम्य विकास विभाग के मंत्री को पूरा मामला बताएंगे।
संजय मिश्रा, शिक्षक विधायक