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कहीं बरेली में न हो जाए कन्नौज जैसा हादसा, यहां 70 फीसदी बस चालकों को दिखता है कम 

ठंड की वजह से सड़कें कोहरे के आगोश में हैं। सड़कों पर विजिबिलिटी बेहद कम है। ऐसे मौसम में हादसों का ज्यादा डर रहता है। कन्नौज हादसे ने तो पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। ऐसे में रोडवेज चालकों का फिट...

कहीं बरेली में न हो जाए कन्नौज जैसा हादसा, यहां 70 फीसदी बस चालकों को दिखता है कम 
हिन्दुस्तान संवाद,बरेलीMon, 13 Jan 2020 03:00 PM
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ठंड की वजह से सड़कें कोहरे के आगोश में हैं। सड़कों पर विजिबिलिटी बेहद कम है। ऐसे मौसम में हादसों का ज्यादा डर रहता है। कन्नौज हादसे ने तो पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। ऐसे में रोडवेज चालकों का फिट रहना बहुत जरूरी है लेकिन रुहेलखंड डिपो के 70 फीसदी चालकों को आंखों से संबंधित बीमारियां हैं। ऐसे में सड़कों पर हादसे का डर है।  सड़क सुरक्षा सप्ताह के दूसरे दिन रविवार को रुहेलखंड डिपो में नि:शुल्क नेत्र परीक्षण कैंप शिविर लगाया गया था। कैंप में 86 चालकों ने जांच कराई जिसमें सात चालकों की रोशनी बेहद कम मिली। चार चालकों में मोतियाबिंद के शुरुआती लक्षण मिले। 18 की आंखों में दूर दृष्टि  दोष व ज्यादातर चालकों ने आंखों में चुभन और दर्द की शिकायत की। चालकों को 25 मीटर दूर बोर्ड पर लिखे शब्द पढ़ने में दिक्कत ही रही थी। 22 चालकों की आंखों में इंफेक्शन था जिससे खुजली, आंखों से पानी, दर्द रहने की समस्या पाई गई। उनको चश्मा लगाकर ही बस चलाने  की सलाह दी गई है। 

बिना हेलमेट पर फूल देकर स्वागत किया 

आरटीओ डा. अनिल कुमार गुप्ता के निर्देश में जागरूकता अभियान भी चलाया गया, जिसमें परिवहन विभाग और परिवहन निगम अधिकारियों ने वाहन स्वामियों को फूल देकर गाड़ी की रफ्तार नियंत्रण रखने की अपील की। बिना हेल्मेट लगाए बाइक-स्कूटी चलाने वालों को भी जागरूक किया। संभागीय परिवहन अधिकारी जयशंकर तिवारी और एआरटीओ (प्रशासन) आरपी सिंह ने लोगों को फूल देकर ट्रैफिक नियम फालो करने की अपील की। इधर, आरएम एसके बनर्जी और रुहेलखंड डिपो के एआरएम ने चालकों को हर महीने परीक्षण कराने की सलाह दी।  

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