जान देने की कसमें खाने वाला प्रेमी से बना पति, तलाक देकर भागा
युवती की शादी होने जा रही थी, कार्ड भी बंट चुके थे, उसके प्रेमी ने कह दिया कि उसके बगैर वह जान दे देगा। इस बात पर युवती अपनी शादी के 12 दिन पहले...
युवती की शादी होने जा रही थी, कार्ड भी बंट चुके थे, उसके प्रेमी ने कह दिया कि उसके बगैर वह जान दे देगा। इस बात पर युवती अपनी शादी के 12 दिन पहले घर-परिवार ठुकराकर प्रेमी के घर आ गई। यहां प्रेमी के घर वालों ने रखने से इंकार कर दिया तो निकाह करके किराए के मकान में दोनों रहने लगे। एक साल ही गुजरा था कि इश्क का नशा प्रेमी के सिर से उतर गया। गर्भवती पत्नी को वह तीन तलाक देकर भाग गया। मोहल्ले वाले तरस खाकर अस्पताल ले गए। प्रसव के बाद वापस कमरे पर आ गई। अब उसके सामने खाने तक के लाले पड़े हैं। प्रेमी के परिजन और न ही युवती के माता-पिता उसे अपनाने को तैयार हैं। पीड़िता ने मदद के लिए पुलिस से गुहार लगाई है।
नगर के एक युवक का दिल्ली की एक लड़की से प्रेम प्रसंग हो गया। युवती का कहना है कि शादी की बात पर पहले तो प्रेमी मुकर गया था तो परिजनों ने उसका रिश्ता दिल्ली में ही दूसरी जगह तय कर दिया था। शादी के मात्र 12 दिन रह गए थे। इसी बीच प्रेमी ने घर छोड़कर आने का दबाब बनाया। साथ ही कसम खाई की यदि वह नहीं आई तो प्रेमी जान दे देगा। इस बात पर प्रेमी के साथ युवती घर छोड़कर बहेड़ी आ गई। इधर, प्रेमी के घर वालो ने उसे घर में नहीं घुसने दिया तो प्रेमी ने प्रेमिका से निकाह करने के बाद बहेड़ी में ही एक किराए के मकान में रहने लगे। करीब एक साल से दोनों साथ ही रह रहे थे। युवती गर्भवती हो गई लेकिन डिलीवरी से 7 दिन पूर्व उसका पति उसे तीन तलाक देकर, छोड़कर भाग गया। युवती के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया। जब ये बात बस्ती के लोगों को पता चली तो लोगों ने युवती की मदद की और उसे अस्पताल ले गए। उसने एक लड़की को जन्म दिया। युवती ने तंग आकर थाने में प्रार्थना पत्र देकर मदद की गुहार लगाई है। पति के इस तरह भाग जाने से उसके सामने खाने तक का संकट पैदा हो गया है। फिलहाल मोहल्ले के लोग उसकी मदद कर रहे हैं।
एक सप्ताह से प्रार्थना पत्र दबाए बैठी पुलिस
युवती ने करुण प्रेम कथा जो सुनता है उसकी आंखें नम हो जाती हैं। उसकी दहनीय हालत पर मोहल्ले वालों ने तरस खाकर उसके लिए फिलहाल जिंद रहने के लिए कुछ मदद तो की है मगर यह सिलसिला कब तक चलेगा, कोई नहीं कह सकता। वहीं, पुलिस ने इस मामले में कोई रुचि नहीं ली है। करीब एक सप्ताह पहले पुलिस से युवती ने गुहार की थी। पुलिस ने प्रार्थना पत्र लेकर रख लिया और कुछ नहीं किया। तीन दिन पहले उसकी डिलीवरी तक हो गई। मोहल्ले वाले मदद न करते तो न जाने उसका क्या होता।
मायके वालों का भी साथ देने से इंकार
युवती ने पहले प्रेमी के परिजनों से मदद की गुहार लगाई तो प्रेमी के परिजनों ने साफ इंकार कर दिया। उन्होंने यह तक कह दिया कि बेटे से भी उनका कोई नाता नहीं रह गया। वहीं, युवती ने जब मायके में संपर्क किया तो वहां से भी निराशा हाथ लगी। मायके वालों ने भी उसकी कोई भी मदद करने से इंकार कर दिया है। ऐसे में यदि कोई अनहोनी हो जाए तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। पुलिस तो इस मामले की जानकारी भी होने से इंकार कर रही है। जबकि पीड़िता कह रही है कि उसने 31 जनवरी को बहेड़ी थाने में तहरीर दी थी।
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