इनके स्मगलिंग के तरीकों ने पुलिस को बनाया चकरघिन्नी, एसी में सफर कर 60 बार स्मैक पहुंचाई, तब पुलिस इन्हें पकड़ पाई
ट्रेन के एसी कोच में बैठकर अफीम की तस्करी करने वाले झारखंड के दो तस्करों को एसटीएफ और कोतवाली पुलिस ने चार किलो अफीम के साथ गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ कोतवाली में स्वापक औषधि और मन: प्रभावी अधिनियम...
ट्रेन के एसी कोच में बैठकर अफीम की तस्करी करने वाले झारखंड के दो तस्करों को एसटीएफ और कोतवाली पुलिस ने चार किलो अफीम के साथ गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ कोतवाली में स्वापक औषधि और मन: प्रभावी अधिनियम (एनडीपीएस) एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी करीब 60 बार बरेली में अफीम की सप्लाई कर चुके हैं और कभी नहीं पकड़े गये। एसटीएफ के एडिशनल एसपी सत्यसेन यादव के निर्देश पर इंस्पेक्टर एसटीएफ अजय पाल सिंह और उनकी टीम ने कोतवाली पुलिस के साथ अफीम तस्करों को पकड़ने के लिये जाल बिछा दिया।
झारखंड में चतरा जिले के पथलगढ़ा थाना क्षेत्र के तितरिया गांव के रहने वाले ब्रम्हदेव डांगी और धर्मपाल सिंह डांगी झारखंड से ट्रेन के एसी डिब्बे में बैठकर अफीम लेकर आ रहे थे। जंक्शन पर उतरने के बाद मनोरंजन सदन के पास वह डिलीवरी देने के लिये गये। इसी दौरान एसटीएफ और कोतवाली पुलिस की टीम ने उन्हें दबोच लिया। आरोपियों ने पैरों मे इक्लेट लगाकर अफीम को छिपा रखा था। पकड़ी गई अफीम की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 40 लाख रुपये बताई गई है। इंस्पेक्टर कोतवाली गीतेश कपिल ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है।
60 हजार में खरीदते और एक लाख में बेचते थे
एसटीएफ इंस्पेक्टर अजयपाल सिंह ने बताया कि तस्कर झारखंड से 60 हजार रुपये किलो अफीम खरीदते हैं। बरेली लाकर उसे एक लाख रुपये किलो बेचते हैं। काफी दिनों से एसटीएफ उनकी तलाश में थी। वह पहले भी कई बार माल की डिलीवरी कर चुके हैं। बरेली में जिसे अफीम देनी थी। काफी देर तक उसकी तलाश करते रहे, लेकिन उसका कुछ पता नहीं लगा।