पुलिस टीम उड़ाने वाले आतंकियों को पकड़ने पर मिला था प्रमोशन
Bareily News - यह कहानी ढाई दशक पहले की है, जब पूरनपुर क्षेत्र में आतंकवाद फिर से बढ़ने लगा था। हजारा थाना क्षेत्र में चार पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद, दरोगा धर्मवीर सिंह रस्तोगी ने चार आतंकवादियों को पकड़कर...

बात ढाई दशक पुरानी है, जब एक बार आतंक की आग में सुलगने के बाद पूरनपुर क्षेत्र में फिर से आतंकी वारदात होने लगी। इस दौरान हजारा थाना क्षेत्र में तत्कालीन थाना अध्यक्ष सहित पुलिस की गाड़ी को बम से उड़ा दिया था, जिसमें चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इसके बाद अपहरण की घटना का वर्कआउट करते हुए तत्कालीन दरोगा धर्मवीर सिंह रस्तोगी को बड़ी सफलता हाथ लगी। उन्होंने चार आतंकवादियों को पकड़ने के साथ हथियार और भारी मात्रा में नकदी भी बरामद की थी। सरकार ने इसके लिए उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया। पूरनपुर क्षेत्र में सन 1987 में बतौर दरोगा तैनाती पर आए धर्मवीर सिंह रस्तोगी को पूरनपुर नगर चौकी इंचार्ज के साथ घुंघचाई चौकी इंचार्ज और फिर हजारा थाना अध्यक्ष के बाद माधोटांडा थाना अध्यक्ष भी बनाया गया था। धर्मवीर रस्तोगी ने बताया कि वह हजारा थाना अध्यक्ष थे, तब उनके क्षेत्र में शांतिनगर के एक फार्मर के बेटे का अपहरण कर लिया गया। उन्होंने सर्च ऑपरेशन चलते हुए चार आतंकवादियों को पकड़ लिया। उनके कब्जे से अत्याधुनिक हथियार और 5.50 लाख की नकद भी बरामद किए थे। इससे पहले आतंकियों ने हजारा थाने की पुलिस की गाड़ी को बम से उड़ा दिया था, जिसमें तत्कालीन थाना अध्यक्ष सहित चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद क्षेत्र में भारी दहशत व्याप्त हो गई। इसके बावजूद पुलिस ने हार नहीं मानी। हम लोग एंबुश लगाते थे। एक बार आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में उनके हाथ में गोली भी लगी। सन 1998 में घटना का वर्कआउट करने पर उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें प्रोन्नत करते हुए दरोगा से निरीक्षक पद पर पदोन्नति दी। इस दौरान उनका तबादला उत्तराखंड राज्य बनने से पहले उधम सिंह नगर में कर दिया गया। जहां उन्हें बतौर निरीक्षक कोतवाली का चार्ज मिला। उत्तर प्रदेश में वापसी के बाद उन्हें पुलिस क्षेत्राधिकारी के पद पर भी पदोन्नति मिली और 2019 में वह सेवानिवृत हो गए।
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