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ग्राउंड ब्रेकिंग की परियोजना बरेली में चढ़ने लगी परवान

उत्तर प्रदेश की पहली ग्रांउड ब्रेकिंग सेरमनी ठीक एक साल पहले हुई थी। उसमें शिलान्यास वाली 81 परियोजनाओं में अधिकांश में निवेश हो गया है। यह अब धरातल पर आने की प्रक्रिया में हैं। कई में उत्पादन व सेवा...

ग्राउंड ब्रेकिंग की परियोजना बरेली में चढ़ने लगी परवान
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ बरेलीTue, 30 Jul 2019 03:29 PM
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उत्तर प्रदेश की पहली ग्रांउड ब्रेकिंग सेरमनी ठीक एक साल पहले हुई थी। उसमें शिलान्यास वाली 81 परियोजनाओं में अधिकांश में निवेश हो गया है। यह अब धरातल पर आने की प्रक्रिया में हैं। कई में उत्पादन व सेवा शुरू हो गई  है तो कुछ का जल्द लोकार्पण होगा।  इसी क्रम में बरेली के बीएल एग्रो का 45 करोड़ की लागत से खाद्य उत्पाद पैक करने का काम किया जा रहा है। सोमवार को लखनऊ में सेरेमनी के दौरान इसकी चर्चा रही।

इंवेस्टर्स मीट के बाद प्रदेश में सबसे पहले बीएल एग्रो कंपनी ने अपने ऑटोमैटिक पैकेजिंग यूनिट को पूरा किया था। कंपनी के सीएमडी घनश्याम खंडेलवाल ने बताया कि पैकिंग यूनिट के लिए फ्रांस की सिडिल कंपनी से समझौता किया गया था। करीब 170 करोड़ के प्लांट में रोजाना 1200 टन का उत्पादन हो रहा है। यह तेल पूरी तरह हाईजीनिक है। यूनिट में बोतल बनने से लेकर तेल पैक होने तक की पूरी प्रक्रिया मशीन से होती है। आटा, दाल दलिया आदि की प्रोसिसिंग व पैकेजिंग यूनिट ने भी काम करना शुरू कर दिया है।

प्रदेश में अधिकांश निवेश परियोजनाएं चढ़ने लगी परवान

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल लखनऊ में  60 हजार करोड़ रुपये की 81 परियोजनाओं का शिलान्यास ग्राउंड ब्रेकिंग सेरमनी में किया था। तब पीएम ने कहा था कि यह रिकार्ड ब्रेकिंग सेरमनी है। हालांकि कई निवेशक के प्रोजेक्ट तय समय सीमा में पूरे होते नहीं दिख रहे हैं। इसकी वजह भी अलग-अलग हैं। शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक शिलान्यास होने के बाद जमीन पर उतरने में भी वक्त लग जाता है। यह वक्त कभी निवेशक की अपनी व्यवस्था में कमी से होता है तो कभी अधिकारियों के निर्णय लेने में देरी से काम प्रभावित होता है।

सैमसंग का प्रोजेक्ट जमीन व अन्य कारणों से रुका हुआ है। कुछ प्रोजेक्ट लग तो गये हैं लेकिन उत्पादन अभी शुरू नहीं हो पाया है। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना कहते हैं कि पिछली बार के केवल दो प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पाए हैं। बाकी प्रोजेक्ट में अपने अपने निवेश के साथ प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लगना शुरू हो गए हैं।

फूड लैब का भी काम पूरा

सीएमडी घनश्याम खंडेलवाल ने बताया कि इन्वेस्टर्स समिट में फूड लैब का प्रोजेक्ट भी प्रस्तुत किया था। इसमें भी काम शुरू हो गया है। यह एक इंटरनेशनल स्टैंडर्ड की लैब है जिसमें खाद्य सुरक्षा कानून के अनुसार मिट्टी से लेकर पेस्टिसाइड तक का टेस्ट होता है। इसके लिए स्पेन, जर्मनी, फ्रांस और जापान से मशीनें मंगाई गई थी। अभी तक सरसों तेल और रिफाइंड के क्षेत्र में बीएल एग्रो का नाम था। अब बीएल एग्रो दूध के क्षेत्र में भी कदम रखने जा रही है। इसके लिए भी तैयारी तेज है। 

पिछले वर्ष गए थे छह, इस बार गए तीन प्रोजेक्ट

इन्वेस्टर समिट के पहले रिजल्ट के रूप में प्रचारित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का पिछले वर्ष लखनऊ में 15 जुलाई को आयोजन हुआ था। उसमें बरेली मण्डल के 77.6 करोड़ रुपये के छह प्रोजेक्ट का शिलान्यास हुआ था। इस बार बरेली के तीन प्रोजेक्ट गए थे। पिछले वर्ष जो छह प्रोजेक्ट गए थे उनमें 20 करोड़ रुपये की लागत से 1800 वर्ग मीटर जगह में बना करतार संस प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड परसाखेड़ा भी शामिल था। खास बात यह है कि इस बार भी करतार एंड संस को शामिल कर लिया गया है। 

प्रदेश के अन्य जिलों में भी तेजी से प्रोजेक्ट पर शुरू हैं काम

मेरठ में पसवारा ग्रुप  351 करोड़ मेरठ के मोहीनउद्दीन पुर में इसमें बहुपरत वाला क्राफ्ट पेपर, क्राफ्ट बोर्ड, एमजी क्राफ्ट, पेपर एंड डूप्लेक्स बोर्ड बनेगा। इससे पैकेजिंग उद्योगी की जरूरतें भी पूरी हो सकेंगी। इसमें 200 लोगों को रोजगार मिला है। नोएडा में केकेजी इंडस्ट्री ने 250 करोड़ की लागत से नोएडा फेज 2 में अपनी यूनिट लगाई है। हरदोई मेंज्ञानधारा एसपी लैब  14 करोड़ से हरदोई के संडीला में पशुचारा उत्पादन यूनिट लगाई है। इसकी क्षमता 250 मीट्रिक टन रोजाना की है। यह चारा  दूध प्रोसेसिंग कंपनियों को सप्लाई किया जाएगा।

कानपुर में गोल्डी ग्रुप के स्पीपिक फूड ने 300 करोड़ से कानपुर में मसाला उद्योग लगाया है। इसमें जमीन मिलने के बाद संयंत्र लग चुका है। और उत्पादन शुरू हो गया है। लुलु ग्रुप ने लखनऊ में 2000 करोड़ की लागत से नायाब शापिंग माल बनाने का लक्ष्य इस साल दिसंबर तक रखा था। अभी तक इसमें 70 प्रतिशत काम हो गया है। अगले छह महीने में इसका लोकार्पण होगा।

ये भी थे पिछले प्रोजेक्ट

  • बरेली में 27 करोड़ रुपये की लागत से बन रही के. नन्दी रिफाइनरी का प्रोजेक्ट गया था। 1.1 हेक्टेयर जगह पर बन रही इस रिफायनरी से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा।
  • 20 करोड़ रुपये की लागत से 1800 वर्ग मीटर जगह में बरेली में करतार संस प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना हुई। इस बार भी इसको भेजा गया।
  • बहेड़ी में 8.6 करोड़ रुपये से स्टोन क्रशर यूनिट लग रही है। इसको 7 एकड़ जमीन पर लगाया जा रहा है। एमएसएमई इसकी सीधी निगरानी कर रहा है।
  • बदायूं के 5 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट का भी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में शिलान्यास हुआ था इंटरटेनमेंट कैटेगरी के इस प्रोजेक्ट के तहत शॉपिंग काम्प्लेक्स बनाया जा रहा है।
  • पीलीभीत में दो करोड़ रुपये की लागत से पेंट यूनिट लगाई जा रही है। 800 वर्ग मीटर में ढिल्लो इंडस्ट्रीज इसका निर्माण कर रही है।  
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