एफपीओ से खरीद को शासन राजी, विभाग का इनकार
समर्थन मूल्य पर खरीद प्रक्रिया से इस बर्ष एफपीओ और एफपीसी बाहर रखे जायेंगे। शासन की ओर से मंजूरी मिलने के बावजूद विभाग ने समूहों को खरीद की इजाजत...

समर्थन मूल्य पर खरीद प्रक्रिया से इस बर्ष एफपीओ और एफपीसी बाहर रखे जायेंगे। शासन की ओर से मंजूरी मिलने के बावजूद विभाग ने समूहों को खरीद की इजाजत नहीं दी है।
फार्मर प्रोडक्शन आर्गेनाईजेशन को खरीद से बाहर रखने का फैसला पिछले सत्र में सामने आई धांधलेबाजी को देखते हुए लिया गया है। दरअसल कई समूह संचालकों ने धान खरीद में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की थी। रातों-रात तबेले में क्रय केंद्र स्थापित कर कई सौ कुंटल धान की फर्जी खरीद कर ली। जांच में मामला पकड़ में आने पर विभाग की ओर से इन लोगों पर एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। इसके साथ ही एफपीओ को खरीद से भी बाहर कर दिया गया। धान खरीद के बाद गेहूं सत्र में भी फॉर्मर प्रोडक्शन ऑर्गेनाइजेशन को खरीद की इजाजत नहीं मिली है। परेशान एफपीओ संचालक अधिकारियों से खरीद की इजाजत मांग रहे हैं।
अब तक खरीदा गया 23 हजार मीट्रिक टन गेहूं
पंचायत चुनाव निपटने के बाद गेहूं खरीद में भी तेजी आने लगी है। जनपद में अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 23069 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है। कुल 4099 किसानों ने अब तक एमएसपी पर गेहूं बेचा है। खरीद के लिए कुल 116 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। इनमें से 112 पर खरीद शुरू भी हो गई।
पिछले साल गड़बड़ी पकड़ में आने के बाद एफपीओ और एफपीसी को खरीद से बाहर किया गया है। जनपद में अब यह गेहूं खरीद प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकते। खरीद में तेजी आने लगी है।
- सुनील भारती, डिप्टी आरएमओ
