योगी जी! सम्पूर्ण समाधान दिवस से गायब हो रहे अफसर-जनप्रतिनिधि
योगी सरकार ने मजबूर लोगों की शिकायतों का मौके पर निस्तारण कराने के तहसील दिवस की जगह सम्पूर्ण समाधान दिवस शुरू किया था। धीरे-धीरे सम्पूर्ण समाधान दिवस सिर्फ औचारिकता में तब्दील होता जा रहा है। सिर्फ...
योगी सरकार ने मजबूर लोगों की शिकायतों का मौके पर निस्तारण कराने के तहसील दिवस की जगह सम्पूर्ण समाधान दिवस शुरू किया था। धीरे-धीरे सम्पूर्ण समाधान दिवस सिर्फ औचारिकता में तब्दील होता जा रहा है। सिर्फ डीएम जिस सम्पूर्ण समाधान दिवस में जाते हैं वहां जरूर अफसर नजर आते हैं।
बाकी तहसीलों में अधिकारी और जनप्रतिनिधि फरियादियों की सुध लेने से बचते हैं। मंगलवार को तहसील सदर के सम्पूर्ण समाधान दिवस में शुरू कराकर एसडीएम चले गए। पुलिस अफसर भी नदारद रहे। तहसीलदार और नायब तहसीलदार ने फरियादियों की शिकायतें सुनी। जनप्रतिनिधियों की कुर्सियां खाली पड़ी रहीं।
मंगलवार सुबह से ही तहसील सदर में फरियादियों का पहुंचाने का सिलसिला शुरू हो गया था। शुरूआत में एसडीएम ने कुछ फरियादियों को शिकायतों को सुना। फिर चले गए। एक भी जनप्रतिनिधि फरियादियों का दर्द सुनने नहीं पहुंचें। शिकायत सुनने के लिए तहसीलदार सदर और नायब तहसीलदार ही मौजूद रहे।
दोनों ने किसी तरह फरियादियों को संतुष्ट किया। कई फरियादी तो एसडीएम के मौजूद न होने की वजह से बगैर शिकायत दिए ही घर लौट गए। हालांकि मंगलवार को कम ही फरियादी सम्पूर्ण समाधान दिवस में पहुंचे थे। 28 शिकायतें सम्पूर्ण समाधान दिवस में पहुंचीं। इनमें से दो का ही मौके पर ही निस्तरण हो सका। बाकी शिकायतों के निस्तारण के लिए समय सीमा तय कर दी गई है।
बाहर से ताला बंद अंदर ऑफिस में काम निपटाते रहे एसडीएम एसडीएम ने ऑफिस का बाहर से ताला लगवाकर अंदर बैठे रहे। कोर्ट के रास्ते एसडीएम ऑफिस में एंट्री की। सूत्रों के मुताबिक एसडीएम को जरूरी फाइलों का निस्तारण करना था। जिसकी वजह से ऑफिस का बाहर से ताला लगवाना पड़ा।