ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेशहजारों कारसेवकों के साथ फरीदपुर के पांच दोस्तों ने रस्से से खींचकर गिराया था गुंबद

हजारों कारसेवकों के साथ फरीदपुर के पांच दोस्तों ने रस्से से खींचकर गिराया था गुंबद

श्रीराम मंदिर निर्माण का संकल्प लेकर घर से निकले फरीदपुर के पांच दोस्तों ने बाबरी मस्जिद विध्वंस में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया। मंदिर निर्माण को लेकर उनमें अद्भुत उत्साह है। फरीदपुर के मोहल्ला...

हजारों कारसेवकों के साथ फरीदपुर के पांच दोस्तों ने रस्से से खींचकर गिराया था गुंबद
हिन्दुस्तान टीम,बरेलीMon, 03 Aug 2020 03:06 AM
ऐप पर पढ़ें

श्रीराम मंदिर निर्माण का संकल्प लेकर घर से निकले फरीदपुर के पांच दोस्तों ने बाबरी मस्जिद विध्वंस में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया। मंदिर निर्माण को लेकर उनमें अद्भुत उत्साह है। फरीदपुर के मोहल्ला बक्सरिया के छोटे लाल चौधरी सीएस इंटर कॉलेज के सेवानिवृत्त शिक्षक हैं।

उन्होंने बताया कि वर्ष 1992 में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मंडल कार्यवाह थे। राम मंदिर निर्माण का आंदोलन पूरे जोर से चल रहा था। 2 दिसंबर 1992 को संघ के हाईकमान से निर्देश आया कि 6 दिसंबर से पहले अयोध्या में सभी कारसेवकों को पहुंचना है।

छोटे लाल चौधरी ने अपने साथी शिक्षक अशोक पांडे, ओम प्रकाश पांडे उर्फ बड़े, सतीश नारायण सिंह और ढकनी गांव के मुकेश शर्मा के साथ अयोध्या की कार सेवा में जाने की योजना बनाई। पुलिस कारसेवकों की पूरी तरह से निगरानी कर रही थी। छोटे लाल चौधरी अपने साथियों के साथ 3 दिसंबर को अयोध्या जाने के लिए निकल पड़े। पुलिस की निगरानी के बाद भी तमाम कार्यकर्ताओं ने फूल मालाएं पहनाकर पीतांबरपुर स्टेशन से उन्हें ट्रेन पर बैठाकर रवाना किया। 6 दिसंबर को अयोध्या में हजारों की संख्या में कारसेवक एकत्र हुए। हर तरफ जय श्रीराम के नारे गूंज रहे थे।

तमाम कारसेवकों के साथ छोटे लाल चौधरी भी अपने साथियों के साथ मस्जिद के गुंबद पर चढ़ गए। गुंबद को तोड़ने की कोशिश की। लेकिन गुंबद बेहद मजबूत था। जिसकी वजह से कारसेवकों ने दीवारों को खोखला करना शुरू किया। दीवारों को खोखला करने से पहले कार सेवकों ने गुंबद में रस्सा डाला। हजारों कारसेवकों ने रस्से से गुंबद को खींचकर गिरा दिया। इस दौरान सैकड़ों लोगों को मामूली चोटें भी आई थीं।

बेटा हुआ बीमार लेकिन सता रहा था गिरफ्तारी का डर

अयोध्या से लौटकर आने के बाद एक महीने कार्यकर्ताओं के यहां छिपकर पुलिस से जान बचाते रहे। इसी दौरान उनका का बेटा बीमार हो गया। लेकिन पुलिस के डर से उसे भर्ती नहीं करा पा रहे थे। रात में छिपते छुपाते वह कार्यकर्ता के यहां पहुंचे। उन्होंने फरीदपुर थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर त्यागी को फोन करके बेटे का इलाज कराने की गुहार की। इंस्पेक्टर ने इलाज कराने तक गिरफ्तारी नहीं करने की इजाजत दे दी। इसके बाद बेटे को भर्ती कराया जा सका।

हादसे में गवाए दोनों पैर फिर भी अयोध्या जाने का जज्बा

कॉलेज से सेवानिवृत्त होने के बाद छोटे लाल चौधरी के एक हादसे में दोनों पैर कट गए। बैसाखी से चलने फिरने वाले छोटे लाल चौधरी को अयोध्या के मंदिर भूमि पूजन की बेहद खुशी है। उन्होंने बताया कि 5 अगस्त को अपने घर में दिवाली मनाकर मंदिर निर्माण का पूजन करेंगे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें