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फूल-लताओं से सजाए गए घाट, महिलाओं ने विधिविधान से की सूर्य उपासना

कांचे बांस की बहगिया, बहंगी लचकत जाए, गीत गाते हुए व्रती महिलाएं घाटों पर पहुंची और छठी मैया की पूजा की। साथ में पुरुष सिर पर दउरी लिए महिलाओ के साथ घाट पर पहुंचे। महिलाओं ने पूरी श्रद्धा के साथ...

कांचे बांस की बहगिया, बहंगी लचकत जाए, गीत गाते हुए व्रती महिलाएं घाटों पर पहुंची और छठी मैया की पूजा की। साथ में पुरुष सिर पर दउरी लिए महिलाओ के साथ घाट पर पहुंचे। महिलाओं ने पूरी श्रद्धा के साथ...
1/ 4कांचे बांस की बहगिया, बहंगी लचकत जाए, गीत गाते हुए व्रती महिलाएं घाटों पर पहुंची और छठी मैया की पूजा की। साथ में पुरुष सिर पर दउरी लिए महिलाओ के साथ घाट पर पहुंचे। महिलाओं ने पूरी श्रद्धा के साथ...
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कांचे बांस की बहगिया, बहंगी लचकत जाए, गीत गाते हुए व्रती महिलाएं घाटों पर पहुंची और छठी मैया की पूजा की। साथ में पुरुष सिर पर दउरी लिए महिलाओ के साथ घाट पर पहुंचे। महिलाओं ने पूरी श्रद्धा के साथ...
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हिन्दुस्तान टीम,बरेलीWed, 14 Nov 2018 12:21 AM
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कांचे बांस की बहगिया, बहंगी लचकत जाए, गीत गाते हुए व्रती महिलाएं घाटों पर पहुंची और छठी मैया की पूजा की। साथ में पुरुष सिर पर दउरी लिए महिलाओ के साथ घाट पर पहुंचे। महिलाओं ने पूरी श्रद्धा के साथ सूर्य उपासना की और अस्ताचलगामी भगवान भाष्कर को अर्घ्य दिया। देवरनिया नदी, इज्जतनगर रेलवे कालोनी में बने घाट, रामगंगा, नकटिया और रुहेलखंड विवि परिसर में घाटों पर पारंपरिक तरीके से छठ पूजा संपन्न हुई।

इज्जतनगर रोड नंबर सात के समीप देवरनिया नदी पर पहले से ही छठ पूजा की तैयारी पूरी कर ली गई थी। सिर पर फल, फूल, पकवानों से सजी दउरी लेकर घर के पुरूष निकले और उनके पीछे व्रती महिलाएं पारंपरिक रूप से सजधज कर निकलीं। व्रती महिलाएं छठी मैया के पूजा गीत गाते हुए चल रही थी। उत्साहित और उल्लासित बच्चों की टोली भी उनके साथ चली। व्रतियों के पूजा के लिए अपने-अपने घाटों को पहले ही सजाया गया था। दउरी में पूजन सामग्री के साथ ईख, शकरकंद, केला, अमरूद समेत अन्य सामान घाट पर रखकर महिलाओं ने पूजा शुरू की। सुहागिन महिलाओं ने भर मांग से नाक तक सिंदूर का टीका लगाकर अखंड सुहाग मांगा। महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया और परिवार, समाज के कल्याण की कामना की। मायके से लेकर ससुराल तक सबकी सुख-समृद्धि की कामना की। सूर्य को अर्घ्य देकर छठी मैया के गीत गाते हुए महिलाएं जलता दीप लेकर घर पहुंची। घरों में कोसी भरने की रस्म पूरी की गई। शुक्रवार को व्रती महिलाएं उदय होते सूर्य को अर्घ्य देकर चार दिवसीय डाला छठ पूजा का पारण करेंगी।

छठ पूजा का उत्सव रामगंगा नदी घाट पर भी धूमधाम से मनाया गया। घाट पर पूजा के लिए साफ-सफाई की गई थी और उसे सजाया गया था। रेलवे कालोनी इज्जतनगर, रुहेलखंड विवि आवास परिसर और नकटिया नदी तट पर भी सूर्य को अर्घ्यदान देने के लिए घाट सजाए गए थे। यहां दोपहर से ही मेले जैसी रौनक हो गई थी। मंगलगीत गाते हुए महिलाएं घाट पर पहुंची और सूर्य को अर्घ्य दिया।

घाट तक रास्ता खराब, कई बच्चे गिरे

देवरनिया नदी घाट तक का रास्ता बेहद खराब था। हालत यह रही कि खेत में पतला रास्ता बनाया गया था। खेत में भी पानी भरा था। वहां गाड़ी से जाने वालों को पसीना छूट गया। संकरे रास्ते से घाट तक जाने में कई बच्चे गिर गए।

देवरनिया नदी पर हर साल की तरह इस साल भी छठ पूजा के लिए घाट सजाए गए थे लेकिन यहां तक पहुंचने का रास्ता ही सही नहीं है। बीते साल खेत में चौड़ा रास्ता बना था लेकिन इस बार खेत में पानी भरा था। किनारे संकरी पगदंडी बना दी गई थी। दउरी लेकर पुरूष जब पगदंडी पर पहुंचे तो पैर लड़खड़ाने लगे। बड़े लोग तो किसी तरह घाट तक पहुंच भी गए, बच्चे कई बार गिरते वहां तक पहुंच सके। व्रती महिलाओं को भी घाट तक जाने में काफी मुसीबत झेलनी पड़ी।

फूल, लताओं से दुल्हन जैसे सजे घाट

छठ पूजा के लिए घाटों को दुल्हन की तरह सजाया गया था। फूल-माला और लताओं से वेदिका के चारों तरह आकर्षक सजावट हुई थी। कई घाटों पर सजावटी झालरें भी लगाई गई थीं। छठ मैया के गीत लाउड स्पीकर पर बज रहे थे। घाट तक जाने के रास्ते पर संकेतक भी बनाया गया था। रास्ते में लाइटिंग की गई थी और झालर से पूरा मार्ग सजा था। रामगंगा घाट पर लाउड स्पीकर से छठ मैया के गीत बज रहे थे और पूरा माहौल भक्तिमय हो गया था।

व्रती महिलाओं ने घरों में भरी कोसी

महिलाओं ने छठ पूजा पर कोसी भरने की रस्म पूरी की। घाट पर सूर्य को अर्घ्यदान देने के बाद महिलाएं समूह में गीत गाते हुए घरों की ओर चलीं। जलता दीपक उनके हाथ में था और हर्षोल्लास से गीत गाते व्रती महिलाओं ने परिवार-समाज के कल्याण की कामना की। घरों में छठ पूजा की रौनक देखते ही बनी। व्रती महिलाओं के घरों में कोसी भरने की रस्म शुरू हुई। समूह में व्रती महिलाओं ने कोसी भरा और छठ मैया के गीत गाते हुए उनसे सुख-समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा। पूरा परिवार छठ पूजा के उल्लास में डूबा रहा।

व्रती महिलाओं ने मंदिरों में की पूजा

व्रती महिलाओं ने मंदिरों में पूजा अर्चना की और परिवार-पुत्र कल्याण की कामना की। रुहेलखंड विवि परिसर और इज्जतनगर रेलवे कालोनी में मंदिर में शाम से ही व्रती महिलाओं का जमावड़ा हो गया। महिलाओं ने माता छठी के गीत गाए। मंदिरों में विधिविधान से उपासना की। फल-फूल, मिठाई, घरों में बने पकवान, ठोकवा रखकर भक्तिपूर्ण भाव से छठ मैया के गीत गाए। इस मौके पर मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया गया था।

अर्घ्यदान के साथ सेल्फी का दिखा क्रेज

छठ पूजा पर सेल्फी का जबर्दस्त के्रज दिखा। महिलाओं ने जब अर्घ्य दिया तो परिवार के अन्य सदस्यों ने उनके साथ सेल्फी ली। इस मौके पर कई परिवारों में दूर-दराज रहने वाले सदस्य भी जुटे थे। ऐसे में सेल्फी लेने का मौका कोई नहीं छोड़ना चाहता था। व्रती महिलाओें ने भी पूजा के दौरान सेल्फी ली।

आज सूर्य को अर्घ्यदान के साथ होगा व्रत पारण

व्रती महिलाएं बुधवार को उदय होते सूर्य को अर्घ्यदान करेंगी और उसके बाद व्रत का पारण किया जाएगा। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ पूजा संपूर्ण हो जाएगी। घाटों पर भोर में अर्घ्यदान के लिए पहले से ही तैयारी कर ली गई है। जगह-जगह लाइटिंग की गई है। घरों में देर रात तक छठ मैया के मंगलगीत गाए गए।

ढोल-बाजे की धुन पर खूब नाचीं व्रतियां

रामगंगा तट पर बैंड-बाजा के साथ व्रतियों का काफिला पहुंचा। ढोल-बाजे की धुन पर महिलाएं जमकर नाचीं-झूमीं। इस दौरान बच्चों ने भी उनका साथ दिया। परिवार के लोग भी छठ पूजा के मौके पर व्रती महिलाओं के साथ बैड-बाजे पर खूब झूमे। पूरा परिवार छठ पूजा के उल्लास में डूब गया।

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