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बरेली की जलवायु में गेहूं की ज्यादा पैदावार कर सकेंगे किसान

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसधान संस्थान (आईवीआरआई) में फार्मर फर्स्ट परियोजना के तहत गेहूं की तीन प्रजातियों के बीज किसानों को बांटे गए। बरेली की जलवायु के लिए बेहतर तीनों प्रजातियां ज्यादा पैदावार देने...

बरेली की जलवायु में गेहूं की ज्यादा पैदावार कर सकेंगे किसान
हिन्दुस्तान टीम,बरेलीThu, 23 Nov 2017 12:37 PM
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भारतीय पशु चिकित्सा अनुसधान संस्थान (आईवीआरआई) में फार्मर फर्स्ट परियोजना के तहत गेहूं की तीन प्रजातियों के बीज किसानों को बांटे गए। बरेली की जलवायु के लिए बेहतर तीनों प्रजातियां ज्यादा पैदावार देने में सक्षम है। इन बीजों को कुंडरिया ईखलासपुर, ईस्माइलपुर और अतरछेड़ी के किसानों को बांटा गया साथ ही ज्यादा पैदावार हासिल करने की तकनीकें भी सिखाई गईं।

समारोह के मुख्य अतिथि निदेशक के वैज्ञानिक सलाहाकार और पशु जनस्वास्थ रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डा. एसवीएस मलिक रहे। उन्होंने कहा कि फार्मर फर्स्ट परियोजना को किसानों को मुख्य केन्द्र में रखकर बनाया गया है। उन्होंने माझागावां विकास खण्ड के अतरछेड़ी गांव के किसानों को गेहूं की तीन उन्नत प्रजाति डीडब्ल्यूडी-88, एचडी-3086 और एचडी-2967 यह तीनों प्रजाति के बीज दिए। साथ ही उन्होंने पशुओं से मानवों में फेलने वाली बीमारियों और स्वच्छता के बारे में विस्तार से बताया। इसके अलावा किसानों को पशु पालन और फसलों की एकीकरण की खेती पर जोर दिया। परियोजना के प्रधान अन्वेषक डा. रणवीर सिंह ने तीनों गांवों के आये हुए किसानों को उक्त तीनों प्रजातियों की विशेषतायें एवं उत्पादन तकनीक के वारे में कार्यशाला में विस्तृत जानकारी दी।

आईवीआरआई ने पिछले साल अतरछेड़ी, ईमाइलपुर और निसोई गांव के किसानों को पछेती गेहूं की प्रजातियों के प्रजन्नक बीज बांटे थे। यह बीज पन्त नगर से लाए गए थे। डा. रणवीर सिंह ने बताया कि इन गांवों के किसानों के बाद अब यूपी-2526, यूपी-2565 और डीपीडब्ल्यू-621-50 के बीज मौजूद है। डा. अनुज चैहान, सह-अन्वेषक डा.सुबोध कुमार, डा. पच्चयपन कुपाचारी और डा. अरूण प्रताप सिंह ने सहयोग दिया।

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