बरेली के जिला अस्पताल में भेज दी नकली दवाएं, जानिए फिर क्या हुआ
मलेरिया और डेंगू के कहर से जूझ रहे जिले मे कारपोरेशन से आई कई दवाओं का सैंपल ही फेल हो गया है। खास बात है कि इसमें मलेरिया की दवा भी शामिल है। साथ की कई जीवनरक्षक दवाओं के सैंपल भी नकली निकले हैं। अब...
मलेरिया और डेंगू के कहर से जूझ रहे जिले मे कारपोरेशन से आई कई दवाओं का सैंपल ही फेल हो गया है। खास बात है कि इसमें मलेरिया की दवा भी शामिल है। साथ की कई जीवनरक्षक दवाओं के सैंपल भी नकली निकले हैं। अब शासन ने आदेश जारी कर इन दवाओं को मरीजों को बांटने पर रोक लगा दी है और दवाओं का स्टाक वापस मंगाया है। खास बात यह है कि इसमें कई दवाओं को मरीजों को बांटा भी जा चुका है। सोमवार को जिला अस्पताल में हुई बैठक में इन दवाओं की लिस्ट तैयार की गई। जल्द ही दवाओं का स्टाक वापस लखनऊ भेज दिया जाएगा।
मरीजों को बेहतर सुविधाएं और इलाज देने के लिए स्वास्थ्य विभाग में कई फेरबदल हाल के दिनों में हुए हैं। इसमें एक बड़ा बदलाव कारपोरेशन से दवाओं की सप्लाई भी है। शासन की मंशा है कि गरीबों को उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं नि:शुल्क मिल सकें। साथ ही फार्मा कंपनियों के खेल पर भी रोक लग सके। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। कारपोरेशन से जो दवाएं सरकारी अस्पतालों में सप्लाई हो रही हैं, उनमें से कई जांच के दौरान मानक पर खरी नहीं उतर सकीं। दवाओं का सैंपल फेल होने के बाद आननफानन इन दवाओं को वापस मंगाने का निर्णय लिया गया है। जिला अस्पताल, महिला चिकित्सालय और सीएमओ आफिस पत्र भेजकर दवाओं के स्टाक को वापस भेजने का निर्देश दिया गया है।
औषधि का नाम | वापस भेजने की मात्रा |
इंजे. एल्टीक्यूहेट | 1 हजार वायल |
डेक्सामिथासोन | 10 हजार वायल |
एटोरवेस्टेटिन कैल्सियम | 7720 |
लिग्नोकेन विथ एडिनोलिन | 316 |
डाउटामाइन | 50 |
एमाक्साक्लिन एंड पोटेशियम क्लाउलेनेट | 100 |
एमोक्सीकीलिनी | थ्रीडेट |
डाउटामाइन | हाइड्रोक्लोराइड |