बरेली में ईद मिलादुन्नबी दुनिया-ए-इस्लाम की पहली ईद
पैंगबर ए इस्लाम की यौमे विलादत के मौके पर रविवार को दरगाह आला हज़रत पर दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां की सरपरस्ती में जश्न का आगाज़ हुआ। दरगाह सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने कहा कि ईद मिलादुन्नबी...
पैंगबर ए इस्लाम की यौमे विलादत के मौके पर रविवार को दरगाह आला हज़रत पर दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां की सरपरस्ती में जश्न का आगाज़ हुआ। दरगाह सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने कहा कि ईद मिलादुन्नबी दुनियां की तीसरी ईद नहीं बल्कि दुनियां-ए-इस्लाम की पहली ईद है।दरगाह से जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि दरगाह पर सुबह कुरानख्वानी के बाद हाजी गुलाम सुब्हानी ने महफ़िल ए मिलाद में नबी करीम की शान में आला हज़रत के लिखे कलाम पेश किए। दरगाह प्रमुख ने सबको ईद मिलादुन्नबी की मुबारकबाद पेश की। सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) ने कहा कि ईद मिलादुन्नबी इस्लाम की तीसरी ईद नही बल्कि दुनिया ए इस्लाम की पहली ईद है।
अगर यह ईद न होती तो ईद उल फितर और ईद उल अज़हा का तसव्वुर भी न होता। आगे कहा कि हमारे नबी गरीबों, यतीमों, बेवाओं, बेसहारों, मज़लूमों के सहारा थे। आपने सबसे पहले बेटी बचाओ का मिशन चलाया। औरतों को उनके हक़ दिलाये। शराब और जुआ जैसी सामाजिक बुराई को हराम करार दिया। सारी दुनिया को अमन और भाईचारे का पैगाम दिया। हम सब पैंगबर ए इस्लाम के बताए उसूलों पर सख्ती से कायम रहे। मुफ़्ती मोइनुद्दीन ने भी नबी ए करीम को खिराज पेश किया। फातिहा के बाद दुआ मुफ़्ती अहसन मियां ने की। सभी को लंगर तक़सीम किया गया। इस मौके पर मुफ़्ती आकिल रज़वी, मुफ़्ती सलीम नूरी, मुफ़्ती अफ़रोज़ आलम, मुफ़्ती अनवर अली, मुफ़्ती सय्यद कफील, मौलाना डॉक्टर एजाज़ अंजुम, मौलाना अख्तर, मुफ़्ती शाकिर, मुफ़्ती जमील कारी अब्दुर्रहमान, कारी रिज़वान, अबरार उल हक, अनवर उल सादात, ज़ुबैर रज़ा खान आदि लोग शामिल रहे।