दुर्लभ: दुर्लभ : बिना प्रसवद्वार के है ये गाय, डॉक्टर करेंगे सर्जरी
आईवीआरआई (इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट) के डॉक्टर फरीदपुर के पढ़ेरा गांव में मिली वाली दुर्लभ गाय का प्रसव द्वार सर्जरी के जरिए बनाएंगे। पीएफए के रुहेलखंड प्रभारी सतीश यादव ने शुक्रवार को...
आईवीआरआई (इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट) के डॉक्टर फरीदपुर के पढ़ेरा गांव में मिली वाली दुर्लभ गाय का प्रसव द्वार सर्जरी के जरिए बनाएंगे। पीएफए के रुहेलखंड प्रभारी सतीश यादव ने शुक्रवार को डायरेक्टर से इस मामले में बात की है। आईवीआरआई के डायरेक्टर ने फरवरी के अंतिम सप्ताह या फिर मार्च के पहले सप्ताह में गाय की सर्जरी को तारीख देने के लिए कहा है। गाय को कम से कम 30 से 40 दिन तक आईवीआरआई में ही चिकित्सकों की देखरेख में रखा जाएगा।
ये था दुर्लभ गाय का मामला
पीएफए को अक्टूबर में पढ़ेरा गांव के जंगल में एक दुर्लभ गाय मिली थी, जिसका प्रसव द्वार नहीं था। इसके बावजूद गाय गर्भवती थी। गाय प्रसव पीड़ा से तपड़ रही थी। गांव वालों की सूचना पर गाय को आईवीआरआई लाया गया। वहां पांच सदस्यीय चिकित्सकों ने गाय का ऑपरेशन किया और बछिया का जन्म हुआ था। करीब दो सप्ताह तक गाय और उसके बच्चे को आईवीआरआई में रखा गया था। इसके बाद पढ़ेरा गांव के जंगल में छुड़वा दिया था। अब उसका प्रसव द्वार बनाया जाएगा।
एक साथ दो ऑपरेशन नहीं हो सकते
पीएफए ने दुर्लभ गाय का प्रसव द्वार बनाने के संबंध में जब पशु चिकित्सकों से बात की थी तो उनका कहना था कि एक साथ दो सर्जरी संभव नहीं हैं। कम से कम चार महीने का समय मिलना चाहिए। जिससे गाय के शरीर में खून की मात्रा पर्याप्त रूप से हो। हल्की ठंड में सर्जरी करना ठीक रहता है। इससे घाव जल्दी भरता है।
बयान
पढ़ेरा गांव में दुर्लभ गाय के प्रसव द्वार बनाए जाने के संबंध में आईवीआरआई के डायरेक्टर से बात कर ली गई है। डायरेक्टर ने फरवरी के अंतिम या मार्च के पहले सप्ताह में गाय लाने के लिए कहा है। विशेषज्ञों का एक पैनल गठित होगा। इसके बाद गाय का प्रसव द्वार बनाया जाएगा।
- सतीश यादव, रुहेलखंड प्रभारी, पीएफए