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विश्वकर्मा जयंती को राष्ट्रीय श्रम दिवस घोषित करने की सरकार से मांग, डिजिटल आंदोलन

भारतीय मजदूर संघ अपने पाँच महत्वपूर्ण त्योहारों में भगवान बाबा विश्वकर्मा जयंती को बड़े श्रद्धापूर्वक मनाता है। विश्वकर्मा ने पहली इंजीनियरिंग की पुस्तक लिखी। श्रमिक संघ ने केंद्र सरकार से विश्वकर्मा...

विश्वकर्मा जयंती को राष्ट्रीय श्रम दिवस घोषित करने की सरकार से मांग, डिजिटल आंदोलन
बरेली। कार्यालय संवाददाताThu, 17 Sep 2020 03:56 PM
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भारतीय मजदूर संघ अपने पाँच महत्वपूर्ण त्योहारों में भगवान बाबा विश्वकर्मा जयंती को बड़े श्रद्धापूर्वक मनाता है। विश्वकर्मा ने पहली इंजीनियरिंग की पुस्तक लिखी। श्रमिक संघ ने केंद्र सरकार से विश्वकर्मा जयंती को राष्ट्रीय श्रम दिवस घोषित करने की मांग की है। वैसे से तो एक मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है। उसका भारतीय संस्कृति से दूर-दूर तक कोई मेल नहीं है। भारतीय संस्कृति से वह दिवस भिन्न है।

डिजिटल आंदोलन का आह्ववान

पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ के केंद्रीय महामंत्री जेएस भदौरिया का कहना है, भारतीय मजदूर संघ एवम् भारतीय रेलवे मजदूर संघ के आह्वान पर आज पूरे भारत में डिजिटल तकनीक ट्विटर के माध्यम से एक आंदोलन चलाया जाएगा। जिसमें सरकार से विश्वकर्मा जयंती को श्रम दिवस घोषित करने की मांग की जाएगी। ट्विटर पर विश्वकर्माजयंती राष्ट्रीय श्रम दिवस के माध्यम से कार्यक्रम होगा।

इंजीनियरिंग के ज्ञाता विश्वकर्मा

भगवान विश्वकर्मा ने शिवजी को त्रिशूल ,विष्णु को चक्र सहित इंद्र आदि सभी देवी-देवताओं के लिए आवश्यक अस्त्र शस्त्र बनाकर दिए। इन्द्र को इन्द्रपुरी, रावण सोने की लंका, भगवान कृष्ण को द्वारिका और पांडवों को इंद्रप्रस्थ बनाकर दिया। जगत की रक्षा को अपने ही पुत्र जो कई बार इंद्र को पराजित करने के बाद देवताओं पर आक्रमण करने लगा। देवताओं के आग्रह पर महाऋषि दधीचि की जीवित हड्डियों से व्रत से व्रतासुर बने। अपने ही पुत्र को मारने के लिए घातक बज्र बना कर दिया। इस प्रकार प्रखर जगत रक्षक बने।

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