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कॉलेजों पर पड़ी कोरोना ऐसी मार, कॉलेज-कोर्स बंद करने को तैयार

कोरोना ने प्राइवेट कॉलेजों की कमर तोड़ दी है। पिछले साल कम दाखिलों और शिक्षक कर्मचारियों की सैलरी ने कॉलेज संचालकों की हालत खराब कर दी। कोरोना की...

कॉलेजों पर पड़ी कोरोना ऐसी मार, कॉलेज-कोर्स बंद करने को तैयार
हिन्दुस्तान टीम,बरेलीMon, 02 Aug 2021 09:20 PM
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कोरोना ने प्राइवेट कॉलेजों की कमर तोड़ दी है। पिछले साल कम दाखिलों और शिक्षक कर्मचारियों की सैलरी ने कॉलेज संचालकों की हालत खराब कर दी। कोरोना की मार से घबराए बरेली-मुरादाबाद मंडल के 25 से अधिक पुराने कॉलेजों ने कॉलेज और कोर्स को सरेंडर कर दिया। कई कॉलेज तो ऐसे हैं जिन्होंने दो से तीन कोर्स की संबद्धता खत्म करने के लिए विवि में अर्जी दी है। हालात ऐसे हैं कि नए कोर्स और कॉलेज खोजने के लिए आवेदन कर चुके कॉलेजों ने अब निरीक्षण दल की विजिट ही रोक दी है।

रुहेलखंड विवि से संबद्ध यह सभी प्राइवेट कॉलेज काफी पुराने है। बरेली-मुरादाबाद मंडल के 9 जिलों के जुड़े करीब 30 कॉलेजों ने सत्र 2021-22 से एडमिशन लेने से हाथ खड़े कर दिए हैं। कॉलेजों ने बीबीए, बीसीए, बीकॉम आनर्स, बीएससी एजी, बीएससी बायोटेक्नोलॉजी, एमए हिंदी, समाजशास्त्र, गृहविज्ञान बीएससी गृहविज्ञान सहित एक दर्जन से अधिक कोर्स को यह कहते हुए बंद करने की अनुमति मांगी कि उनके पास एडमिशन नहीं हैं और वे कर्मचारियों और शिक्षकों को सैलरी देने की स्थिति में नहीं है। बरेली के एक कॉलेज की ओर से कॉलेज की संबद्धता ही खत्म करने के लिए विवि में आवेदन किया गया है। वजह कोरोना की वजह से एडमिशन न होना बताई गई है। अब विवि प्रशासन भी कॉलेजों की ओर से लगातार आने वाले संबद्धता खत्म करने के आवेदनों को लेकर टेंशन में हैं। इसी सप्ताह होने वाली संबद्धता समिति की बैठक में इन कॉलेजों की संबद्धता समाप्ति पर मुहर लगेगी।

निरीक्षण दल को आने से मना किया

एक दर्जन कॉलेजों ने नए कोर्स की संबद्धता के लिए विवि में आवेदन किया था। कोरोना काल में हालात को देखते हुए इन कॉलेजों की हिम्मत टूट गई। कॉलेजों ने विवि की ओर से नामित निरीक्षण दल को ही भेजने से मना कर दिया है। विवि कॉलेज से संबद्धता के लिए आवेदन करने वाले कॉलेज में निरीक्षण दल भेजता है। इस दल की रिपोर्ट के आधार पर विवि संबद्धता देने का फैसला करता है। ऐसे में करीब दर्जन भर कॉलेजों ने आवेदन के बाद भी संबद्धता से हाथ खड़े कर दिए हैं। कुलपति प्रो. केपी सिंह कहते हैं कि कोरोना की वजह से कॉलेजों को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे काफी आवेदन आए हैं जिसमें संबद्धता वापसी की मांग की गई है।

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