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पीसीएस-2018 में प्रिंसिपल की नियुक्तियों को लेकर विवाद, अभ्‍यर्थियों की कोर्ट जाने की तैयारी 

पीसीएस 2018 के अंतर्गत प्रधानाचार्य राजकीय इंटर कॉलेज के चयन में हुए कथित भ्रष्‍टाचार की वजह से चयन से वंचित प्रतियोगियों ने वर्चुअल मीटिंग की। मीटिंग में भावी संघर्ष के लिए एक संघर्ष समिति का...

पीसीएस-2018 में प्रिंसिपल की नियुक्तियों को लेकर विवाद, अभ्‍यर्थियों की कोर्ट जाने की तैयारी 
हिन्‍दुस्‍तान टीम ,बरेली Wed, 30 Sep 2020 04:29 PM
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पीसीएस 2018 के अंतर्गत प्रधानाचार्य राजकीय इंटर कॉलेज के चयन में हुए कथित भ्रष्‍टाचार की वजह से चयन से वंचित प्रतियोगियों ने वर्चुअल मीटिंग की। मीटिंग में भावी संघर्ष के लिए एक संघर्ष समिति का गठन किया है। 

राकेश चन्द्र पाण्डेय को इसका अध्यक्ष चुना गया है। राकेश ने बताया कि प्रदेश के सभी 18 मण्डलों के संयुक्त शिक्षा निदेशक से आरटीआई  के माध्यम से इस पद को जारी किये गए अनुभव प्रमाण पत्रों की सूची मांगी गई है। आरटीआई को ही हथियार बनाकर न्यायालय की मदद से चयन की अनियमितता को दूर कर वैध अभ्यर्थियों को उनका हक दिलाया जाएगा। बता दें कि पीसीएस 2018 के अंतर्गत प्रधानाचार्य राजकीय इण्टर कॉलेज के 83 पदों का विज्ञापन किया गया था, जिसमें हाईस्कूल अथवा उसके ऊपर की कक्षाओं में तीन वर्ष तक नियमित अध्यापन का संयुक्त शिक्षा निदेशक से प्रतिहस्ताक्षरित अनुभव प्रमाण पत्र मांगा गया था। 

साक्षात्कार को कुल 248 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था,जिसमे से 175 अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार से पूर्व अनुभव प्रमाण पत्र आयोग में जमा नही किया था। ऐसे अभ्यर्थियों को आयोग ने 27 जून 2020 को विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि अगर इन्होंने साक्षात्कार के समय अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया तो ऐसे अभ्यर्थियों का प्रधानाचार्य पद हेतु दावा स्वीकार नहीं किया जाएगा। आरोप है कि साक्षात्कारोपरांत ऐसे 23 अभ्यर्थियों को औपबंधिक रूप से चयनित कर लिया गया जिन्होंने अभी भी आयोग को अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत नही किया है।

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