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बीपीएड में हुए 70 से अधिक फर्जी एडमिशन को क्लीन चिट

छोटे-छोटे नियमों की आड़ में छात्रों को परेशान करने वाले विश्वविद्यालय प्रशासन ने एनसीटीई के मानकों के खिलाफ हुए दाखिलों को जायज ठहरा दिया। इसके लिए मानवीय दृष्टिकोण और छात्रहित का हवाला दिया गया और...

बीपीएड में हुए 70 से अधिक फर्जी एडमिशन को क्लीन चिट
हिन्दुस्तान टीम,बरेलीSat, 22 Sep 2018 02:00 AM
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छोटे-छोटे नियमों की आड़ में छात्रों को परेशान करने वाले विश्वविद्यालय प्रशासन ने एनसीटीई के मानकों के खिलाफ हुए दाखिलों को जायज ठहरा दिया। इसके लिए मानवीय दृष्टिकोण और छात्रहित का हवाला दिया गया और नियमों के खिलाफ एडमिशन लेकर परीक्षा दे चुके छात्रों के परिणाम भी जारी कर दिए। साफ है कि विवि ने बीपीएड में हुए 70 से अधिक फर्जी एडमिशन को क्लीनचीट दे दी।

रुहेलखंड विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों में बीपीएड सत्र 2015-16 और 2016-17 में हुए एडमिशन की जांच में 70 एडमिशन नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) के मानकों पर खरे नहीं उतरे। आरपी डिग्री कॉलेज मीरगंज में ज्यादातर ऐसे एडमिशन हुए थे जिनको जांच कमेटी ने गलत करार दिया था। इसके बाद इन छात्रों को परीक्षा से रोक दिया गया। बाद में काफी घमासान छिड़ा तो विश्वविद्यालय ने इन छात्रों को सशर्त परीक्षा की अनुमति दे दी। विश्वविद्यालय कैंपस में परीक्षा कराई गई और बाद में उनके परिणाम रोक लिए गए। इस मामले की दोबारा कमेटी बनाकर जांच की गई। पुरानी और नई दोनों कमेटियों ने प्रमाणपत्रों को फर्जी बताया।

11 अप्रैल को परीक्षा समिति में दूसरी जांच कमेटी की रिपोर्ट रखी गई, जिसमें कहा गया था कि काफी छात्र एनसीटीई के मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं और उनको प्रवेश मिल गया। विश्वविद्यालय ने माना कि एडमिशन गलत हुए थे और कॉलेज को सलाह भी दी गई कि एनसीटीई रेगुलेशन के तहत प्रवेश मिलने चाहिए थे पर विश्वविद्यालय ने परीक्षाफल घोषित करने का फैसला ले लिया। परीक्षा नियंत्रक की ओर जारी पत्र में कहा कि गया है कि मानवीय दृष्टिकोण और छात्रहित में परीक्षाफल घोषित करने की संस्तुति की गई है और भविष्य में एनसीटीई के प्रावधानों के तहत प्रवेश होने पर उनकी परीक्षा नहीं कराई जाएगी।

विवि ने दी संबद्धता समाप्त करने की चेतावनी : परीक्षा नियंत्रक ने फर्जी एडमिशन लेने वाले आरपी कॉलेज मीरगंज को मानवीय दृष्टिकोण का हवाला देकर राहत देने की बात कही है। साथ ही कॉलेज को भविष्य में ऐसी गलती पर संबद्धता समाप्त करने की चेतावनी भी दी है। ऐसे में विवि ने माना है कि एडमिशन गलत हुए हैं पर इनको रद्द करने के बजाय फर्जी एडमिशन लेने वाले छात्रों की न केवल परीक्षा कराई गई बल्कि अब उनका रिजल्ट भी जारी कर दिया गया।

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