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कार्डधारक कर रहे राशन देने की विनती, दबंग महिला कोटेदार अधिकारियों की भी नहीं सुनती

कोटेदारों के आगे अधिकारी भी नतमस्तक नजर आ रहे हैं। भुता इलाके में ऐसा ही हो रहा है। सुनीता नाम की महिला कोटेदार सप्लाई विभाग के अधिकारियों की भी नहीं सुनती है। एक राशन कार्ड पर महिला कोटेदार ने साल...

कार्डधारक कर रहे राशन देने की विनती, दबंग महिला कोटेदार अधिकारियों की भी नहीं सुनती
बरेली। कार्यालय संवाददाता Thu, 23 Apr 2020 10:05 PM
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कोटेदारों के आगे अधिकारी भी नतमस्तक नजर आ रहे हैं। भुता इलाके में ऐसा ही हो रहा है। सुनीता नाम की महिला कोटेदार सप्लाई विभाग के अधिकारियों की भी नहीं सुनती है। एक राशन कार्ड पर महिला कोटेदार ने साल में सिर्फ तीन बार ही राशन दिया है, जबकि अन्य महीने का प्रॉक्सी के माध्यम से राशन निकाल लिया गया। इस मामले में पिछले एक सप्ताह से शिकायत हो रही है, लेकिन अधिकारी टाल मटोल कर रहे हैं। अधिकारी के कहने पर भी महिला कोटेदार से 35 किलो की जगह 31.5 किलो ही चावल दिए।

राशन कार्ड धारक का दर्द

भुता के विष्णुकांता कहना है कि उनका राशन कोटेदार सुनीता देवी के यहां से मिलता है। आरोप है कि सुनीता देवी उनके लिए राशन नहीं देती हैं। कई बार ऐसा हुआ उनसे यह कह दिया गया कि कनेक्टिंग नहीं आ रही है। आपको बाद में राशन दे दिया जाएगा। लेकिन जब विष्णु कांत ने अपना राशन कार्ड दिखाया तो सच्चाई खुल गई।

2019 में मार्च अप्रैल और मई में राशन वितरण की एंट्री कार्ड पर है। जून आए दिसम्बर तक राशन नहीं मिला। जनवरी 2020 में राशन मिला। फरवरी मार्च और अप्रैल में फिर राशन नहीं दिया गया। जब विष्णु ने कोटेदार के यहां नाराजगी जताई तो उसे कोटेदार ने धमका कर भगा दिया। मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई। अधिकारियों ने भी उस पर कोई ध्यान नहीं दिया। बल्कि फोन करके निरीक्षक ने विष्णु से यह कहा कि अगर तुम्हें जल्दी है तो पहले लाइन में लगा करो या फिर राशन वितरण के अंतिम दिनों में जा कर राशन लिया करो।

35 किलो में 31.5 किलो ही चावल

सरकार से मिलने वाला प्रति यूनिट 5 किलो चावल भी कोटेदार ने हजम करने का प्रयास किया, लेकिन खाद्य निरीक्षक के कहने पर कोटेदार ने चावल तो दिया। मगर विष्णु कांतऔर उसके पिता के कार्ड में 7 यूनिट हैं। 35 किलो चावल मिलना चाहिए था, लेकिन कोटेदार ने 31.50 किलो ही राशन दिया। साढ़े तीन किलो चावल की घटतौली की। 

देहात क्षेत्र में कोटेदारों की मनमानी

देहात क्षेत्र के जो कोटेदार हैं, वो राजनीति के चलते जमकर मनमानी करते हैं। कार्ड धारकों से पहले अंगूठा लगवा लेते हैं। बाद में उनको राशन वितरित किया जाता है। ऐसा ही हो रहा है। जिन लोगों के पास थोड़ी भी जमीन है। उनसे पहले अंगूठे मशीन में लगवा लेते हैं। उसके बाद उनसे कहा जाता है कि अपना राशन फिर ले जाना। एक दो दिन बाद बुलाते हैं। अगर किसी का 35 किलो राशन बनता है, तो उसको 30 किलो ही राशन देते हैं। 15 किलो हुआ तो 12 किलो ही नापते हैं। कह देते हैं कि इतना ही बचा है। आगे देख लेंगे। कोटेदारों का भी यह रोना है कि हम लोगों का पेट कैसे भरें। हमें तो इसमें से ही सब की खातिरदारी करनी है। और अपना कारोबार भी चलाना है। ऐसे ही जोड तोड़कर काम चलाते हैं।

अफ़सरकी बात

डीएसओ सीमा त्रिपाठी का कहना है की भुता का एक कार्ड मिला है, जिस पर कई महीने राशन वितरण की इंट्री नहीं दिख रही है। इस मामले में जांच कराई जा रही है। जिन लोगों को कम राशन मिल रहा है, वह लोग तत्काल शिकायत कर सकते हैं जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
 

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