Budget 2020 : रियल एस्टेट क्षेत्र के लोगों की टूटी उम्मीद, बरेली में कारोबारी हुए निराश
वर्ष 2020-21 के आम बजट से रियल एस्टेट क्षेत्र के लोगों को काफी उम्मीदे थीं। इन लोगों को उम्मीद के अनुसार बजट से कोई राहत नहीं मिली है। इससे कारोबारी बेहद निराश हैं। उनका कहना है कि रियल एस्टेट...
वर्ष 2020-21 के आम बजट से रियल एस्टेट क्षेत्र के लोगों को काफी उम्मीदे थीं। इन लोगों को उम्मीद के अनुसार बजट से कोई राहत नहीं मिली है। इससे कारोबारी बेहद निराश हैं। उनका कहना है कि रियल एस्टेट अर्थव्यवस्था का इंजन होता है। उसके बाद भी सरकार इस सेक्टर को उबारने के लिए गंभीर नहीं दिख रही है। पिछले दिनों जो घोषणाएं हुई थी, उन पर भी अभी तक अमल नहीं किया गया है।
नोटबंदी के बाद से ही रियल एस्टेट सेक्टर का पहिया थमा हुआ है। इस कारोबार से जुड़े व्यवसायी लगातार सरकार को अपने मांग पत्र सौंप रहे हैं। दो महीने पहले अधूरी अटकी इकाइयों के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया गया था मगर अभी तक इस मामले में कागजी कार्रवाई तक शुरू नहीं हो पाई है। बरेली में भी पूरा सेक्टर मंदी जैसी स्थिति में नजर आ रहा है। जो कॉलोनाइजर या बिल्डर बड़े फ्लैट-अपार्टमेंट और मकान बेच रहे थे वह भी अब छोटे मकान या प्लाट बेच रहे हैं। इनकी संख्या भी बेहद कम है। कुल मिलाकर इस बजट से रियल एस्टेट को निराशा ही हाथ लगी।
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बेहद निराशाजनक रहा बजट
क्रेडाई के अध्यक्ष रमनदीप सिंह ने कहा कि हमारे लिए बजट निराशाजनक रहा। सरकार पिछली घोषणाओं को भी पूरा नहीं कर पाई है। टैक्स से जुड़ी रियायतों के खत्म होने से भी इस सेक्टर को और झटका लगेगा। लोग होम लोन लेने से बचेंगे।
सरकार नहीं ले रही है सुध
कंपीटेंट ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट अंजुल मिश्रा ने कहा कि बजट में सरकार ने उम्मीद के मुताबिक रियल स्टेट के लिए कुछ नहीं किया। हाउसिंग लोन के ब्याज पर मिलने वाली छूट को एक वर्ष तक और बढ़ाया गया है। इसका आंशिक लाभ मिलेगा।
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अफॉर्डेबल हाउसिंग स्कीम को बढ़ाया
ओम रेजीडेंसी के डायरेक्टर दिनेश गोयल ने बताया कि रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बड़ी राहत की जरूरत है। हालांकि सरकार ने लोगों की खरीद क्षमता बढ़ाने के प्रयास किए हैं। अफॉर्डेबल हाउसिंग स्कीम को मार्च 2021 तक बढ़ाया गया है। इससे भी घर खरीदने वालों की संख्या बढ़ेगी।