ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेशबरेली मेयर ने किया कान्हा पशु आश्रय का निरीक्षण, चार गाय मरी मिलीं, देखें Video

बरेली मेयर ने किया कान्हा पशु आश्रय का निरीक्षण, चार गाय मरी मिलीं, देखें Video

सीएम योगी आदित्यनाथ के गौवंशीय पशुओं के संरक्षण के प्रयास बरेली में सफल होते नहीं दिख रहे हैं। कान्हा पशु आश्रय स्थल में सही तरीके से देखभाल न होने और दाना-पानी की कमी के चलते आए दिन गायों की मौत हो...

बरेली मेयर ने किया कान्हा पशु आश्रय का निरीक्षण, चार गाय मरी मिलीं, देखें Video
कार्यालय संवाददाता,बरेलीTue, 15 Oct 2019 03:56 PM
ऐप पर पढ़ें

सीएम योगी आदित्यनाथ के गौवंशीय पशुओं के संरक्षण के प्रयास बरेली में सफल होते नहीं दिख रहे हैं। कान्हा पशु आश्रय स्थल में सही तरीके से देखभाल न होने और दाना-पानी की कमी के चलते आए दिन गायों की मौत हो रही हैं। मंगलवार को मेयर के निरीक्षण के दौरान मृत गायों के शव मिलने के साथ उपवन में भारी कमियां मिली। वहीं, नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि जो गायें मरी थी वह पहले से ही बीमार थी। कान्हा पशु आश्रय में व्यवस्थाएं ठीक हैं। 

बेसहारा गौवंशीय पशुओं को आसरा देने के लिए बनाया गया पशु आश्रय स्थल ही अब उनका कब्रगाह बन चुका है। पशु आश्रय में 15 दिन में करीब 30 गायों की मौत हो चुकी हैं। यह खुलासा कान्हा उपवन के रिकॉर्ड से हुआ। लगातार मौतों की सूचना पर मंगलवार को मेयर उमेश गौतम ने पशु आश्रय गृह का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में मेयर को चार मृत पशुओं के शव मौके पर ही मिले। इसके अलावा बड़ी संख्या में पशुओं के अवशेष मैदान में चारों ओर बिखरे पड़े दिखे। उपवन संचालकों व अधिकारियों से सवाल करने पर वे मेयर को कोई जवाब नहीं दे पाये। निरीक्षण के दौरान मेयर को चारों ओर अव्यवस्थाओं का आलम दिखा। आश्रय गृह में न तो पशुओं के चारा-पानी की ही व्यवस्था ठीक है, न ही उनके रहने की। आश्रय गृह में चारों ओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। आश्रय गृह में गौवंशीय पशु सूखा चारा खाने को मजबूर हैं। परिसर में पसरी अव्यवस्थाओं पर मेयर ने लिपिक व गेटमैन को कड़ी फटकार लगाई। मेयर ने बताया कि मामले से शासन को अवगत कराया जाएगा। 

बिना पोस्टमार्टम ही दफन कर रहे गायें 

आश्रय स्थल पर मरने वाली गायों को सिटी शमशान भूमि के पास दफन कर दिया जाता है। मरने वाली गायों का पोस्टमार्टम तक नहीं कराया जाता। ऐसी भी चर्चा है कि मरने वाली कई गायों को आश्रय गृह के मैदान में ही दफनाया गया है। कुछ दिन पहले भी मरने वाली गायों को बाकरगंज के डलावघर में दफनाए जाने को लेकर काफी बवाल मचा था। 

नहीं मिल रहा पर्याप्त चारा 

आश्रय गृह में रहने वाले गौवंशीय पशु सूखा भूसा खाने को मजबूर हैं। गायों को पर्याप्त मात्रा में हरा चारा तक नहीं मिल पा रहा है। आश्रय गृह में वर्तमान में करीब 600 गायें हैं। गायों की संख्या को देखते हुए प्रतिदिन करीब 1200 किलो हरे चारे की आवश्यकता है। मगर गायों को हरा चारा नसीब ही नहीं हो रहा। पशुओं को मिलने वाले दाने की मात्रा भी नगण्य है। 

कान्हा पशु आश्रय प्रदेश के लिए नजीर था मगर अधिकारियों की लापरवाही से अब यह गायों का कब्रगाह बन चुका है। गाय मर रहीं हैं और अधिकारी सो रहे हैं। इस मामले में शासन से जांच की मांग कराएंगे। 
डा. उमेश गौतम, मेयर

जो चार गायें निरीक्षण के दौरान मृत मिली हैं वह पहले से ही बीमार चल रही थी। आश्रय गृह में गौवंशीय पशुओं के रहने के लिए बेहतर व्यवस्थांए है।

संजीव प्रधान नगर स्वास्थ्य अधिकारी  
 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें