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न मुआवजा न कोई डील, एयरफोर्स ने कब्जा ली सिविल एविएशन की 282 एकड़ जमीन

जमीनों पर अवैध कब्जों को लेकर दबंग बदनाम हैं। मगर एयरफोर्स ने बरेली में एयरबेस बनाते वक्त कुछ ऐसा ही कर दिया। एयरफोर्स ने सिविल एविएशन की 282 एकड़ जमीन पर बगैर समझौते के कब्जा कर लिया। एयरफोर्स ने...

न मुआवजा न कोई डील, एयरफोर्स ने कब्जा ली सिविल एविएशन की 282 एकड़ जमीन
हिन्दुस्तान टीम,बरेलीFri, 02 Nov 2018 12:44 PM
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वैसे तो जमीनों पर अवैध कब्जों को लेकर दबंग बदनाम हैं। लेकिन एयरफोर्स ने बरेली में एयरबेस बनाते वक्त कुछ ऐसा ही कर दिया कि अब उसकी किरकिरी हो रही है। एयरफोर्स ने सिविल एविएशन की 282 एकड़ जमीन पर बगैर समझौते के कब्जा कर लिया। एयरफोर्स ने सिविल एविएशन को न तो जमीन के बदले जमीन दी और मुआवजा दिया।

55 साल तक मामला दबा रहा। रक्षा संपदा अधिकारी की पड़ताल में मामला पकड़ में आ गया। सिविल एविएशन (नागरिक उड्डयन) की 282 एकड़ जमीन को चिह्नित करने का काम शुरू कर दिया है। रक्षा संपदा अधिकारी ने डीएम से त्रिशूल से सटे 15 गांवों का राजस्व रिकार्ड मुहैया कराने को कहा है।

बरेली में 1963 में त्रिशूल एयरबेस बनाया गया था। एयरफोर्स ने एयरबेस के लिए 15 गांवों के जमीनों का अधिग्रहण किया गया था। जिस जमीन पर एयरफोर्स स्टेशन बनाया गया वहां सिविल एविएशन की पहले से हवाई पट्टी थी। डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन (डीजीसीए) की 282 एकड़ जमीन थी। एयरफोर्स ने ग्रामीणों को उनकी जमीन का मुआवजा दे दिया। मगर सिविल एविएशन की जमीन पर कब्जा कर लिया।

जमीन का इस्तेमाल एयरफोर्स स्टेशन के लिए किया जा रहा है। 55 साल तक जमीन को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई। हाल में सिविल एविएशन ने रक्षा संपदा अधिकारी से जमीन वापस दिलाने की मांग की। रक्षा संपदा अधिकारी ने एयरफोर्स की जमीन के दस्तावेज की पड़ताल की तो सच सामने आ गए।

एयरफोर्स स्टेशन के अंदर बाकई सिविल एविएशन की 282 एकड़ जमीन निकली। रक्षा संपदा अधिकारी ने सिविल एविएशन की जमीन वापस कराने की तैयारी शुरू कर दी है। जमीन को चिह्नित करने के लिए रक्षा संपादा अधिकारी ने डीएम से एयरबेस के लिए जमीन देने वाले 15 गांवों की खसरा-खतौनी और नक्शे मांगे हैं। राजस्व रिकार्ड से मिलान के बाद जमीन की निशानदेही की जाएगी। डीएम ने 15 गांवों का रिकार्ड मुहैया कराने की जिम्मेदारी एसडीएम सदर को दी है।

आजादी से पहले बरेली में थी सिविल एविएशन की हवाई पट्टी

आजादी से पहले बरेली में सिविल एविएशन की हवाई पट्टी थी। अंग्रेज हवाई पट्टी का इस्तेमाल अपने विमानों के लिए करते हैं। अंग्रेजों ने हवाई पट्टी के लिए 282 एकड़ जमीन के अधिग्रहण किया था। डीजीसीए के नाम जमीन दर्ज कराई गई थी।

इन गांवों का मांगा राजस्व रिकार्ड

रक्षा संपदा अधिकारी ने डीएम से पीर बहोड़ा, नगरिया कला, मुड़िया अहमदनगर, करमपुर चौधरी, गिरधारीपुर, परातापुर जीवन सहाय, कंजादासपुर, भूड़ा, चाबड़, शिकारपुर चौधरी, ततारपुर, नगरिया परिक्षित, हाजीपुर ब्रजलाल, खजुरिया जुल्फिकार और गुलड़िया रजकुल निशा गांव का राजस्व रिकार्ड मांगा है।

रक्षा संपदा अधिकारी की बात

रक्षा संपदा अधिकारी प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि

एयरफोर्स स्टेशन के अंदर सिविल एविएशन की 282 एकड़ जमीन है। उसको चिह्नित किया जा रहा है। डीएम ने एयरफोर्स स्टेशन से सटे गांवों का राजस्व रिकार्ड मांगा है। हम किसी विभाग की जमीन की बेईमानी नहीं करेंगे।

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