एडीजी और डीआईजी ने दिल्ली से लौट रहे मजदूरों को बांटे खाने के पैकेट, बसों से भिजवाया घर
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बाद देशभर में किए गए लॉकडाउन से सबसे ज्यादा परेशानी मजदूरों को हुई है। अपने घरों से रोजी रोटी कमाने के लिए दूसरे शहर के गए मजदूर...
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बाद देशभर में किए गए लॉकडाउन से सबसे ज्यादा परेशानी मजदूरों को हुई है। अपने घरों से रोजी रोटी कमाने के लिए दूसरे शहर के गए मजदूर फैक्ट्रियां बंद होने से अब वापस लौट रहे हैं। लॉकडाउन के चलते गाड़ियां भी बंद चल रही हैं ऐसे में सैकड़ों की तादाद में मजदूर पैदल ही दिल्ली, गाजियाबाद और नोएडा से चल दिए हैं।
बिना कुछ खाए पिए मजदूरों की सेवा में कई जगहों पर पुलिस प्रशासन उनकी मदद को उतर आया है। समाजसेवी भी कई जगहों पर मजदूरों को रोक-रोक कर उन्हें खाने के पैकेट बांटते नजर आ रहे हैं। प्रशासन द्वारा बसों से मजदूरों को घर भी भिजवाया जा रहा है। बरेली के रामपुर दिल्ली हाईवे पर परसाखेड़ा स्थित मजदूरों को भूखे प्यासे आते देख सबकी आंखे पसीज गईं। ऐसे लोगों के लिए बरेली पुलिस किसी मसीहा से कम नहीं नजर नहीं आई।
शनिवार को परसाखेड़ा जीरो प्वाइंट स्थित झुमका तिराहे कमिश्नर रणवीर प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक बरेली जोन बरेली अविनाश चंद्र, डीआईजी राजेश पांडेय पहुंचे। उन्होंने अपने हाथों से भूखे-प्यासे लोगों को भोजन, फल फ्रूट आदि बांटे। साथ ही सीओ थर्ड अभिषेक वर्मा, सीओ सेकंड सीमा यादव, इंस्पेक्टर सीबीगंज बच्चू सिंह, एसएसआई प्रदीप बिश्नोई परसाखेड़ा, चौकी इंचार्ज दानवीर सिंह, हेड कांस्टेबल रजत कुमार, ट्रैफिक पुलिस के सिपाहियों व समाजसेवियों के साथ पैदल बसों व ट्रकों से अपने गंतव्य तक जा रहे लोगों को फल फ्रूट, भोजन, पानी की बोतल आदि वितरित करवा रहे हैं।
परसाखेड़ा स्थित तेजस फूड वानी ग्रुप की तरफ से एक पिकअप गाड़ी भर कर ब्रेड-बिस्किट आदि के पैकेट बनवाए गए। कई बस वाले लोगो को जीरो प्वाइंट पर ही उतार कर चल दिए तो पुलिस ने उन्हें उनके घर तक जाने की व्यवस्था कराई। इस दौरान समाजसेवी हरीश गुप्ता, अमन गुप्ता, राकेश गुप्ता, अकाश गुप्ता, हरीश गंगवार, हरप्रीत सिंह गोल्डी आदि मौजूद रहे।