ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेशसुल्तानपुर पल्था की सुरक्षा को तीन करोड़ 36 लाख स्वीकृत

सुल्तानपुर पल्था की सुरक्षा को तीन करोड़ 36 लाख स्वीकृत

बाढ़ खंड सुल्तानपुर को बहगुल व पल्था संग्रामपुर को पीलाखार के कटान से बचायेगा। शासन ने दोनों गांव की परियोजनाएं स्वीकृति प्रदान कर दी है। दोनों गांवों में 336.05 लाख रुपयों की लागत से बालू से भरे...

सुल्तानपुर पल्था की सुरक्षा को तीन करोड़ 36 लाख स्वीकृत
बरेली | हिन्दुस्तान संवादThu, 06 Feb 2020 10:26 AM
ऐप पर पढ़ें

बाढ़ खंड सुल्तानपुर को बहगुल व पल्था संग्रामपुर को पीलाखार के कटान से बचायेगा। शासन ने दोनों गांव की परियोजनाएं स्वीकृति प्रदान कर दी है। दोनों गांवों में 336.05 लाख रुपयों की लागत से बालू से भरे बोरों की पिचिंग बनायेगा। शासन ने मोहम्मदगंज और गोरा हेमराजपुर को कटान से सुरक्षित रखने की परियोजनाएं अस्वीकृत कर दीं। बारिश में बहगुल (कच्छिा) नदी गांव सुल्तानपुर और पीलाखार नदी गांव पल्था और संग्रामपुर में कई वर्षों से आवादी का कटान करती हैं। गांव की पूरी आवादी नदी के निशाने पर है। इन गांवों को कटान से बचाने को बाढ़ खंड ने गत दिनों बाढ़ सुरक्षा परियानाएं बनाकर मंजूरी को शासन को भेजी थीं। बाढ़ खंड ने सुल्तानपुर को बचाने को 422.59 लाख रुपयों और पल्था संग्रामपुर को बचाने को 470.83 लाख की परियोजनाएं भेजी थीं।

गांवों को बचाने को इन नदियों में पिचिंग बनाने को विधायक डा. डी सी वर्मा ने गत वर्ष याचिका समिति में इस संबंध में याचिकाएं भी लगाई थीं। विधायक परियोजनाओं को लेकर गत दिनों प्रमुख सचिव से मिले थे। मामला उछलने पर शासन ने सुल्तानपुर और पल्था संग्रामपुर में बाढ़ खंड द्वारा भेजी परियोजनाओंको स्वीकृति दे दी। शासन ने बाढ़ खंड की परियोजनाओं की धनराशि में कटौती कर दी।

कटान करती है दो जोड़ा

बारिश में पानी बढ़ने पर दोजोड़ा विकराल हो जाती है। नदी मोहम्मदगंज के पास अर्धवृत्ताकार में बह रही है। नदी दो सालों से घरों को काट रही है। गत वर्ष भी दोजोड़ा आधा दर्जन घरों को बहाकर ले गई थी। कटान की जद में आए मकानों को ग्रामीणों को अपने हाथों से तोड़ना पड़ा।

मंजूर नहीं हुईं मोहम्मदगंज- हेमराजपुर की परियोजनाएं

मोहम्मदगंज को दोजोड़ा और हेमराजपुर को रामगंगा के कटान का दंश बारिश में फिर झेलना होगा। बाढ़ खंड ने इनकी सुरक्षा को 505.11 लाख, हेमराजपुर को 453.32 लाख की परियोजनाएं शासन ने अस्वीकृत कर दी हैं। 

सुल्तानपुर और पल्था की परियोजनाओं को शासन ने स्वीकृति दे दी है। लेकिन परियोजना लागत में कटौती कर दी है। कम धनराशि स्वीकृत होना चिंता की बात नहीं हैं। पूर्व में पूरी हो चुकी परियोजनाओं को बचाने को बाढ़ खंड कार्य कराता रहता है। शासन से इसको धनराशि मिल जाती है।
पुनीत सक्सेना, सहायक अभियंता बाढ़ खंड 
 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें