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जागरूकता के हथियार से बरेली के 100 गांवों ने हरा दिया मलेरिया

कभी मच्छरों के दंश से कराह रहे 100 गांवों ने जागरूकता और संकल्प के हथियार से मलेरिया को हरा दिया है। रोजाना मच्छरदानी लगाकर सोने की आदत, नियमित रूप...

जागरूकता के हथियार से बरेली के 100 गांवों ने हरा दिया मलेरिया
हिन्दुस्तान टीम,बरेलीWed, 02 Jun 2021 03:41 AM
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कभी मच्छरों के दंश से कराह रहे 100 गांवों ने जागरूकता और संकल्प के हथियार से मलेरिया को हरा दिया है। रोजाना मच्छरदानी लगाकर सोने की आदत, नियमित रूप से साफ-सफाई और पूरी बाह के कपड़े पहनने जैसी छोटी-छोटी आदतों से बड़ा बदलाव आया है। दो साल से लगातार चल रहे जागरूकता अभियान का असर दिखने लगा है। दो साल में मलेरिया मरीजों की संख्या में 90 फीसदी से अधिक की कमी आई है और साथ ही सबसे बड़ी बात है कि गांव के अधिकांश लोग मच्छरों से होने वाले रोगों के प्रति सचेत हो गए हैं।

साल 2018 में बरेली में जहां 35 हजार से अधिक मलेरिया रोगी मिले थे वहीं 2019 मे मरीजों की संख्या थी। वैसे तो पूरा जिला ही मलेरिया से कराह रहा था लेकिन भमौरा, रामनगर, मझगवां और आंवला मेे सबसे अधिक मरीज थे। ऐसे मेें मलेरिया विभाग के साथ इम्बेड संस्था ने भमौरा, रामनगर और मझगवां के 100 गांवों को गोद लिया। इस सूची में वही गांव शामिल थे जहां मलेरिया मरीजो की संख्या सबसे अधिक थी। जिले के 25 प्रतिशत से अधिक मरीज इन 100 गांवों में ही थे। संस्था के कार्यकर्ता और आशा कार्यकत्रियों ने मिलकर इन सौ गांवों में अभियान चलाना शुरू किया। लोगों को मच्छरों से बचाव के तरीकों के प्रति जागरूक किया।

10 हजार से घटकर 4 हजार हुए मरीज

चयनित 100 गांवों में 2018 में करीब 1550 मलेरिया के मरीज मिले थे। 2019 में पूरे जिले में 46717 मलेरिया मरीज मिले थे जिसमें इन सौ गांवो में ही 10120 मरीज थे। इसी तरह 2020 में इन सौ गांवों में सिर्फ 4317 मरीज थे। इस साल अब तक 9 मरीज मिले हैं।

इन गांवों में अधिक था मलेरिया का प्रकोप

भमोरा में राजपुरा खुर्द, बेहजुइया, मठियाडाडी, मोहम्मदपुर पथरा, देवपुर, खमरिया डाडी, खेरा, रामपुर बुजुर्ग, सिरोही, नागवां अहिरान, मझगवां ब्लाक में मिलक बहादुरगंज, अमरौली, सिसोना, पैगा, बेनीपुर, फतेहगंज, नहोरा हसनपुर, मानपुर, भिंडोरा, रामनगर ब्लाक में अयोध्या, शिवनगर, जगन्नाथपुर, लक्ष्मीपुर, कितौना, तिगरा खानपुर।

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दो साल पहले 100 गांवों में अभियान चलाया गया था। लोगों को मच्छरों से होने वाली बीमारी के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इसका असर देखने को मिल रहा है। इन गांवों मे मलेरिया का प्रकोप काफी कम हो गया है। - डीआर सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी

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