नसबंदी कराने के बाद बिगड़ी हालत, महिला की मौत
आशा पर भरोसा करना बुधवार को महिला को भारी पड़ गया। जिस आशा पर भरोसा कर महिला उसके साथ बेहतर इलाज मिलने की उम्मीद से महिला जिस आशा को साथ लेकर अस्पताल आई उसी आशा ने महिला की जिंदगी के साथ खिलवाड़ चंद...
- जिला अस्पताल कहकर प्राइवेट अस्पताल में नसबंदी कराने ले गई आशा- भड़के परिजनों ने जिला अस्पताल में किया हंगामा-देर शाम कोतवाली पहुंचकर दी मामले की तहरीर-महिला की मौत ने खोली व्यवस्थाओं में झोल की पोलफोटो-- दीप भैयाबरेली। हिन्दुस्तान संवाद आशा पर भरोसा कर एक महिला जिंदगी से हाथ धोना पड़ा गया। कमीशन के लालच में आशा महिला को नसबंदी का ऑपरेशन कराने के लिए निजी अस्पताल ले गई। नसबंदी के ऑपरेशन के बाद बिगड़ी हालत से महिला की जान चली गई। परिजनों का आरोप है कि गलत इलाज की वजह से महिला की मौत हुई है। बिशारतगंज के खजुराई के रहने वाले रामदास ने बताया कि 16 नवंबर को गांव की आशा बहू उनकी पुत्रवधू मानवती को नसबंदी का ऑपरेशन कराने जिला अस्पताल लेकर गई थी। वापस आने पर मानवती ने बताया कि आशा उसे जिला महिला अस्पताल ले जाने की बजाय चौकी चौराहा स्थित निजी अस्पताल लेकर गई। नसबंदी कराने से मना करने के बाद भी आशा ने कमीशन के लालच में दबाव बनाकर नसबंदी करा दी। आरोप है कि ऑपरेशन के बाद ही महिला की हालत बिगड़ने लगी। बुधवार को हालत ज्यादा खराब होने पर परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे वहां डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। मौत से गुस्साए परिजनों ने आशा की लापरवाही से मौत का आरोप लगाकर जिला अस्पताल में हंगामा किया। कोतवाली पहुंचकर परिजनों ने आशा और निजी क्लीनिक के संचालक पर लापरवाही के संबंध में एफआईआर दर्ज कराई। --कमीशन के लालच में जान से खिलवाड़आशा बहुओं पर कमीशन के आरोप में मरीजों की जान से खिलवाड़ करने का यह कोई नया मामला नहीं है। इससे पहले भी गर्भवतियों को जिला अस्पताल की जगह निजी अस्पताल ले जाने बच्चा पैदा होने के बाद कमीशन वसूलने समेत कई आरोप आए दिन आशा बहुओं पर लगते रहते हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी दबी जुबान इस खेल को स्वीकार करते हैं मगर कठोर कारवाई न होने से कमीशन के खेल पर रोकथाम नहीं लग पाई है। वर्जनसीएमओ