खेत में लगाए गए बाड़ में प्रवाहित करंट से युवक की मौत
Barabanki News - रामसनेहीघाट में खेत की सुरक्षा के लिए लगाए गए तार के बाड़ में प्रवाहित करंट की चपेट में आकर हरिश्चंद्र (30) की मौत हो गई। सुबह उनका शव खेत में पाया गया। परिजनों ने बताया कि मृतक रात को काम करके लौट रहा...

रामसनेहीघाट। खेत की सुरक्षा के लिए लगाए गए तार के बाड़ में प्रवाहित करंट की चपेट में आकर एक युवक की मौत हो गई। सोमवार की सुबह उसका शव खेत के चारों ओर लगाए गए तार के बाड़ में चिपका मिला। ग्रामीणों ने शव देखा तो गांव में कोहरराम मच गया। कुछ ही देर में ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट गई। रोते बिलखते परिजन भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है। परिजनों ने बताया कि बाड़ में एलटी लाइन करंट प्रवाहित किया गया था। तार के बाड़ से चिपका था शव: रामसनेहीघाट थाना के जयचंदपुर गांव निवासी हरिश्चंद्र (30) बढ़ाई कारीगर थे।
सोमवार की सुबह इनका शव गांव के पास ही एक किसान के खेत में लगाए गए तार के बाड़ में चिपका मिला। खेत गए ग्रामीणों ने हरिश्चंद्र का शव पड़ा देखा तो हतप्रभ रह गए। कुछ ही देर में वहां भीड़ जुट गई। सूचना पर रोते बिलखते परिजन भी पहुंच गए। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है। काम से लौट रहा था युवक: पोस्टमार्टम हाउस आए परिजनों ने बताया कि हरिश्चंद्र रात करीब साढ़े 10 बजे हरीलालपुरवा चौराहा पर खिड़की के पल्ले बना रहे थे। काम अर्जेंट था इस लिए काम देर तक जारी रहा। इसके बाद वह गांव के ही प्रमोद मिश्र के साथ ट्रैक्टर से घर लौटे। परिजनों ने बताया कि बाड़ में प्रवाहित की गई थी एलटी लाइन: पोस्टमार्टम हाउस आए परिजनों ने बताया कि खेत मालिक द्वारा फसल की सुरक्षा के लिए तार का बाड़ लगाया गया है। खेत के पास ही लगे विद्युत पोल से तार जोड़ कर खेत के बाड़ में करंट प्रवाहित किया गया था। बताया जा रहा है कि बाड़ में प्रवाहित करंट एलटी करंट था। हालांकि इस मामले में परिजनों ने अभी पुलिस को तहरीर नहीं दी है। इस संबंध में थाना प्रभारी अंकित त्रिपाठी ने बताया कि करंट से युवक की मौत हुई है। करंट किस प्रकार का था यह जांच के बाद ही पता चलेगा। अभी कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। एक पल की लापरवाही ने एक पूरे परिवार की दुनिया उजाड़ दी। परिवार के मुखिया की मौत के बाद जैसे उनकी दुनिया ही उजड़ गई। जयचंदपुर गांव के हरिश्चंद्र की खेत में करंट लगने से मौत के बाद अब उनके तीन छोटे बच्चे और पत्नी बेसहारा हो गए हैं। जिस घर में कभी बच्चों की किलकारियां गूंजती थीं, वहां अब सन्नाटा पसरा है। पत्नी प्रीति का रो-रोकर बुरा हाल है। पति की तस्वीर के आगे बैठी वह बार-बार यही कह रही है किसके भरोसे अब बच्चों को पालूंगी? हरिश्चंद्र की मौत के बाद उनका आठ साल का बेटा प्रियांशु अब घर में चुपचाप कोने में बैठा था। छह वर्षीय दिव्यांशु और गौरी अपनी मां के आँचल से अलग नहीं हो रहे थे। पिता के बिना उनके बचपन की मुस्कान जैसे गायब हो गई है। परिवारवालों का कहना है कि हरिश्चंद्र मेहनती और जिम्मेदार इंसान थे। पूरा घर उन्हीं की कमाई पर चलता था। गांव के लोग भी इस दर्दनाक हादसे से आक्रोश में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि खेतों में इस तरह बिजली के तार लगाना खुली लापरवाही है। यह सिर्फ अपराध नहीं, किसी की जिंदगी से खिलवाड़ है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जिस किसान ने खेत में बिजली का तार बिछाया, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई और परिवार इस तरह न उजड़े। रातभर परिजन इंतजार करते रहे: हरिश्चंद्र देर रात तक घर नहीं लौटा तो परिजनों को उसकी चिंता होने लगी। वह उसे बार-बार फोन मिला रहे थे। पत्नी व परिजन हरिश्चंद्र का इंतजार करते-करते सो गए। सुबह उसके मौत की सूचना मिली।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




