देश की लाइफ लाइन रेलवे के स्टेशन पड़े बीमार
Barabanki News - बाराबंकी के रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। रामनगर, मसौली और दरियाबाद रेलवे स्टेशनों पर शौचालय बंद हैं, पानी के हैंडपंप जर्जर हैं और साफ-सफाई की स्थिति भी खराब है।...

बाराबंकी। रेलवे देश की लाइफ लाइन हैं। इससे से रोजाना लाखों यात्री अपनी मंज़िल तक पहुंचते हैं। रेलवे सुविधाओं के कायाकल्प और आधुनिकीकरण के बड़े-बड़े दावे करता है लेकिन हकीकत है कि इनके कई स्टेशनों पर भी यात्रियों की मूल भूत सुविधाएं भी दम तोड़ रही हैं। बाराबंकी जनपद के रामनगर, मसौली (रफी नगर) व दरियाबाद रेलवे स्टेशनों इसके उदाहरण हैं। इन स्टेशनों पर कहीं शौचालय ताले में बंद हैं, कहीं पानी के हैंडपंप जर्जर हैं। शौचालय में छह साल से बंद है ताला: रामनगर संवाद के अनुसार बुढ़वल रेलवे स्टेशन के टिकट घर के बगल छह साल से शौचालय बना है लेकिन चालू नहीं हुआ।
बनने के बाद ताला बंद है। पानी तक की व्यवस्था नहीं की गई। स्टेशन के बाहर टिकट घर बना है जिसके दक्षिण शौचालय बना है जो तालाबंदी का शिकार है। प्लेटफार्म पर बने शौचालय गंदगी से भरे रहते हैं। मग तक उपलब्ध नहीं, जिससे यात्री उसका इस्तेमाल करने से कतराते हैं। बाहर बना सामुदायिक शौचालय भी हमेशा बंद रहता है। प्रतीक्षालय बाहर है, जबकि प्लेटफार्म पर बैठने की समुचित व्यवस्था नहीं है। टूटी-फूटी बेंचों पर यात्रियों को मजबूरी में समय गुजारना पड़ता है। हैंडपंप बेकार, शौचालय बदहाल: मसौली संवाद के अनुसार मसौली चौराहे से दो किलोमीटर दूर रफी नगर रेलवे स्टेशन की हालत भी किसी से छिपी नहीं। यहां कहने को पांच सरकारी हैंडपंप लगे हैं, पर तीन जर्जर हैं और जो दो चालू हैं उनका पानी शुद्ध नहीं है। यात्रियों को पीने के पानी की भारी दिक्कत झेलनी पड़ती है। टीन सेटों के आसपास जंगली घास-फूस के ढेर लगे हैं, जिससे मच्छरों का प्रकोप बना हुआ है। शौचालय की हालत इतनी खराब है कि लोग उसका इस्तेमाल करना ही नहीं चाहते। कायाकल्प के बाद भी प्यासे यात्री: दरियाबाद संवाद के अनुसार लखनऊ-अयोध्या रेलमार्ग पर स्थित दरियाबाद रेलवे स्टेशन पर करीब दो दर्जन ट्रेनों का ठहराव है। प्रतिदिन हजारों यात्री सफर करते हैं और स्टेशन की मासिक आय 20 लाख तक पहुंचती है। इसके बावजूद यात्रियों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। कायाकल्प पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी यहां पीने के पानी का इंतजाम नहीं है। लगे हैंडपंप खराब पड़े हैं, कई जगहों से टोटियां गायब हो गई हैं। नतीजा, यात्रियों को बोतलबंद पानी खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है। निर्माण के एक साल में ही दरियाबाद स्टेशन के शौचालय जर्जर हो गए। सबसे अधिक कठिनाई महिला यात्रियों को उठानी पड़ रही है, पर कोई सुनने वाला नहीं।
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